नई दिल्ली: रक्षा सौदों को लेकर भारत में खुलासा हुआ कि एक ब्रिटिश कंपनी ने भारतीय एजेंट को करीब 82 करोड़ रुपये दिए. रोल्ज रॉयस नाम की कंपनी ने डील फाइनल करने के लिए यह पूरी रकम दी. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक़, भारतीय वायु सेना के हॉक एयरक्राफ्ट्स के इंजन का कॉन्ट्रैक्ट पाने लिए कंपनी ने ये सीक्रेट पेमेंट्स किए गए. क़रीबी सूत्रों की मानें तो इसमें कई बड़े नामों के शामिल होने की बात कही जा रही है।
दरअसल हथियारों के डीलर सुधीर चौधरी को कंपनी ने इन पैसों का भुगतान किया. सुधीर फिलहाल लंदन में रह रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ पहले से ही दलाली का आरोप है। हालांकि भारत सरकार ने सुधीर चौधरी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है. एक ब्राज़ीली अख़बार ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कंपनी ने सउदी अरब और भारत में सौदा हासिल करने के लिए दलाल की सेवा ली थी. भारत के रक्षा खरीद नियमों के अनुसार इस तरह के सौदे में बिचौलियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. ‘फोल्हा डि साओ पाउलो’ नामक ब्राजीली अख़बार ने लिखा था कि कंपनी ने ब्रिटेन में रहने वाले एक रक्षा एजेंट को भारत के साथ सौदे को अंतिम रूप देने के लिए कमीशन का भुगतान किया था. जिसके बाद यह मामले ने जमकर तूल पकड़ा।
एम्ब्रायर डील पर भी लगे थे आरोप
इन आरोपों से पहले CBI ने एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट डील की शुरुआती जांच में पाया था कि करीब 36.5 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर दिए गए. सीबीआई का कहना था कि ब्राजील की कंपनी से हुई डील में कमीशन की राशि विदेश में दी गई थी। रक्षा सौदों में एक के बाद एक इस तरह के आरोपों का सामने आना देश के लिए चिंता का विषय बन गया है। रोल्ज रॉयस नामक कंपनी ने इस डील को फाइनल करने के लिये 82 करोड़ की रक़म केवल एजेंट को दी, इसके अलावा भी बड़ी रक़म के भुगतान की बात की जा रही है।