नई दिल्लीः जेल से फरारी के बाद कथित मुठभेड़ में मारे गए आठ सिमी आतंकियों पर मध्य प्रदेश सरकार ने पहले से 40 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। अब उनके मारे जाने पर इस इनाम के असली हकदार को तय करने में मुश्किल हो रही है। पुलिस का कहना है कि उसने खुफिया सूचना पर आतंकियों को मुठभेड़ में मारा जबकि स्थानीय ग्रामीण कह रहे हैं कि पुलिस को सूचना उन्होंने दी है।
चौहान बोले, किसी का नहीं मारा जाएगा हक
सिमी आतंकियों के मारे जाने पर इनाम किसे मिले। यह सवाल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक भी पहुंचा। उन्होंने कहा कि अभी इतनी जल्दी सब कुछ तय कर लेना उचित नहीं है। अगर गांव वालों ने सूचना दी है तो उनका हक नहीं मारा जाएगा। मगर जांच के बाद ही इनाम का हकदार तय होगा।
हर आतंकी पर थे पांच लाख के इनाम
मध्य प्रदेश सरकार ने सिमी आतंकियों में से प्रत्येक पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। यह इनाम तब रखा गया जब आतंकी भोपाल केंद्रीय जेल से फरार हो गए। अचारपुरा और मणिखेड़ा गांव के लोगों के मुताबिक उन्होंने ही आतंकियों के बारे में सटीक सूचना दी तब जाकर पहुंची पुलिस ने एनकाउंटर किए। वहीं भोपाल के पुलिस अफसरों का कहना है कि उन्हें खुफिया सूत्रों ने आतंकियों के छिपे होने की जानकारी दी थी।