नई दिल्ली: रवि शास्त्री ने बीसीसीआई द्वारा हाल में भुगतान राशि में की गई बढ़त को मामूली करार देते हुये वेतन में भारी इजाफे की भारत के शीर्ष क्रिकेटरों की कथित मांग का समर्थन किया है। पिछले महीने बीसीसीआई ने ए, बी और सी कैटेगरी के अनुबंधों की राशि दोगुनी कर दी थी। इसमें राशि ए कैटेगरी के लिए दो करोड़, बी कैटेगरी के लिए एक करोड़ और सी कैटेगरी के लिए 50 लाख रुपये कर दी गई थी। बोर्ड ने टेस्ट मैच, वनडे इंटरनेशनल और टी20 इंटरनेशनल के लिए भी मैच फीस बढ़ाकर 15 लाख, छह लाख और तीन लाख रुपये कर दी।
रवि शास्त्री ने संशोधित वेतन ढांचे को लेकर नाख़ुशी ज़ाहिर करते हुये कहा कि, यह (जो उन्हें मिल रहा है) कुछ भी नहीं है, दो करोड़ रुपये मामूली हैं। आस्ट्रेलियाईयों (क्रिकेटर) को कितने पैसे मिल रहे हैं। ग्रेसेल्स एजुकेशन ने शास्त्री को अपनी कौशल ट्रेनिंग पहल के लिए मेंटर और सलाहकार बनाया है। आईपीएल में किसी फ्रेंचाइजी से अनुबंध नहीं करने वाले चेतेश्वर पुजारा का उदाहरण देते हुए शास्त्री ने कहा कि बीसीसीआई को सुनिश्चित करना चाहिए कि सौराष्ट्र का यह खिलाड़ी इस टी20 लीग का हिस्सा नहीं बनने को लेकर चिंतित नहीं हो।
ख़त्म कर देना चाहिये चैंपियन्स ट्राफी
रवि शास्त्री को लगता है कि आईसीसी कई टूर्नामेंट आयोजित कर रही है और इसलिए चैंपियन्स ट्राफी की ज़रूरत नहीं है जो एक जून से इंग्लैंड में शुरू होगी। शास्त्री ने कहा, अगर मेरी मानो तो पांच साल बाद 50 ओवरों का बहुत कम क्रिकेट होगा। आईसीसी के कई टूर्नामेंट हैं। किस खेल में इतने अधिक विश्व चैंपियन हैं। भारतीय टीम के पूर्व निदेशक का मानना है कि चैंपियन्स ट्राफी के अस्तित्व से हर चार साल में होने वाले आईसीसी विश्व कप का महत्व भी कम हो रहा है। शास्त्री ने कहा, मैं सड़क पर किसी से भी मिलता हूं और मुझसे पूछा जाता है कि कितने विश्व कप हैं यार। विश्व चैंपियन है कौन। जो कि सच्चाई है। दरअसल पहले ही इस तरह की खबरें आई थी कि भारतीय खिलाड़ी ग्रेड-पे में इजाफे से नाखुश हैं , क्योंकि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के उनके समकक्ष क्रिकेटरों को उनके बोर्ड कहीं अधिक राशि दे रहे हैं.