नई दिल्लीः मुलायम कुनबे में मची कलह के बीच भले ही तमाम राजनीति क वजह गिनाए जाएं। मगर इसकी जड़ में 10 हजार का ठेका भी है। ठेका है आगरा में थीम पार्क का। जिसे ऋतिक रोशन के ससुर संजय खान को अखिलेश यादव और उनके सीनियर आईएएस नवनीत सहगल ने मिलकर दे दिया। संजय खान ऋतिक की तलाकशुदा पत्नी सुजान के पिता हैं। यह ठेका अखिलेश के सपने को साकार करने वाला है। इतने बड़े प्रोजेक्ट का जब यूपीएसआइडीसी के साथ मिलकर यूपीडा चेयरमैन आईएएस नवनीत सहगल ड्राफ्ट तैयार कर रहे थे तभी अमर सिंह और शिवपाल यादव की नजर पड़ी। पूरे 10 हजार करोड़ का मामला होने के कारण उन्होंने इसका ठेका दिल्ली और मुंबई से नाता रखने वाले करीबी ग्रुप को दिलाने की पूरी कोशिश की। शिवपाल और अमर के साथ एक मीडिया मुगल ने भी अखिलेश से सिफारिश की। इस बीच आजम खान को जब खबर हुई तो उन्होंने अखिलेश से कहा कि अगर अमर के चक्कर में पड़ेंगे तो आपके प्रोजेक्ट की बंदरबाट हो जाएगी और कलंक आपके साफ-सुथरे माथे पर चस्पा कर अमर-शिवपाल किनारे हो जाएंगे। इस पर अखिलेश के इशारे पर सीनियर आईएएस नवनीत सहगल ने शर्तों का ऐसा पेंच फंसाया कि ठेके के बाकी सारे दावेदारों को बैकफुट पर आना पड़ा। आखिरकार इस साल मई के पहले पखवाड़े में 75 वर्षीय अभिनेता संजय खान की कंपनी किंगडम को ठेका मिल गया। लखनऊ में अखिलेश की मौजूदगी में यूपीएसआइडीसी और किंगडम के बीच एमओयू पर साइन हुआ था।
अमेरिका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर बनेगा आगरा में थीम पार्क
आगरा में रिंग रोड के किनारे पूरे एक हजार एकड़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए थीम पार्क बनेगा। अमेरिका के मैजिक किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के ब्रुरिल लेक टूरिस्ट पार्क की तर्ज पर संजय खान इस पार्क का निर्माण कराएंगे। यह थीम पार्क यूपी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की गाथा गाता नजर आएगा। इस पार्क में आने पर संबंधित शहरों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के पार्कों का नजारा देखने को मिलेगा। DPR रिपोर्ट के मुताबिक 10 हजार करोड़ की लागत से इस पार्क का निर्माण चार फेज में करीब दस साल में पूरा होगा। एक फेज करीब तीन साल में पूरा होगा।
मोनो रेल से घूम सकेंगे पार्क
योजना के मुताबिक आगरा से यमुना किनारे बनने वाले इस थीम पार्क में मोनो रेल की सुविधा होगी। जिसके जरिए पर्यटक पूरे पार्क में घूमकर उत्तर प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के बारे में जानकारी ले सकेंगे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से भी इस पार्क को जोड़ने की तैयारी है। ताकि वहां से गुजरने वाले मुसाफिर भी इसे देख सकें।
पार्क में आकर देखिए सात शहर
आगरा का यह पार्क बहुत अलबेला होगा। इसमें आने पर आपको कुल सात शहर बसे मिलेंगे। इनमें मुगलकाल, 1857 की क्रांति, मोहनजोदड़ो काल, हड़प्पा के समय के शहरों का नजारा देखने को मिलेगा। उस जमाने की कला और संस्कृति की छाप छोड़ते ये शहर दिखेंगे। महापुरुषों की मूर्तियों भी लगेंगीं। ताकि लोग प्रेरणा ले सकें। लोगों के रहने आदि की भी व्यवस्था होगी।