नई दिल्ली: आजादी की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे अपने देश के लोगों को ये तो जरूर पता होगा कि आजादी के लिए कितनी कुर्बानियां देनी पड़ी है. लेकिन आपको शायद ही पता होगा की मुल्क की आजादी के लिए नारी शक्ति ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. लेकिन उन महिलाओं को इतिहास ने भुला दिया है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी साधारण महिला के बारे में जिसने अपने असाधारण अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे.
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में थी महत्वपूर्ण भूमिका
परबती गिरी नामक एक साधारण सी महिला ने अंग्रेजों की सल्तनत को हिला दिया था. 19 जनवरी 1926 को जन्मी पश्चिमी ओडिशा से ताल्लुक रखने वाली परबती गिरी भारत की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं. पश्चिमी ओडिशा की मदर टेरेसा कही जाने वाली परबती गिरी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
अंग्रेजों को खिलाफ चलाया था अभियान
परबती गिरी जब महज 16 साल की थी तब से ही वो महात्मा गांधी के साथ मिल कर अंग्रेजों से लोहा ले रही थी. परबती ने अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो अभियान में भी अहम भूमिका निभाई थी. गिरी को अंग्रेजों ने सरकार विरोधी काम के लिए दो साल के लिए जेल में डाल दिया था.
आजादी के बाद भी राष्ट्र सेवा में लगी रहीं
देश को आजादी मिलने के बाद गिरी ने सामाजिक रूप से राष्ट्र की सेवा करने का कार्य जारी रखा. उन्होंने अपना बाकी जीवन अपने गांव के अनाथ बच्चों को अच्छा जीवन देने के लिए समर्पित कर दिया.