जीवन में मनुष्य को सतत चलते हीं रहना होता हैं इसमें यू टर्न नहीं होता हर हाल में खुसी हो या दुख जीवन नहीं थमता यह रथ चक्र के समान होता है।
*😢😢6 दिसम्बर 1956 राजधानी दिल्ली, रात के 12 बजे थे।* 🌗🌗 *☎️रात का सन्नाटा और अचानक दिल्ली, मुम्बई, नागपुर मे चारों ओर फोन की घण्टियाँ बज रही थी।* *🤫राजभवन मौन था,* *🤫संसद मौन थी,* *🤫राष्ट्रपति भवन मौन था।* *👨🦰👩🦰हर कोई कशमकश मे था।* *🔥शायद कोई
इस किताव मे समस्त हिन्दू तीज त्योहारों पर कविता लेख आपको मिलेंगे।
एक लडकी रहती हैं जो कि अपने परिवार से शर्त रखती है कि
हम दैनिक जीवन में देखते है की जो लड़कियां घर से भाग कर शादी करती है उन्हें समाज बहुत बेज्जत करता है। उन्हें जीवन भर इसके लिए ताने सहन करने पड़ते है। परंतु घर त्यागने का दर्द वो क्यों सहन करती है ऐसी क्या वजह होती है की जहां उनका जन्म होता है जहां
यह पुस्तक आपके हलचल एवं तनाव भरे जीवन में स्थायित्व तथा आनंद का संचार करने में पूर्णतया सक्षम है। यह एक संग्रह पुस्तक है। जिसे एक कठिन परिश्रम,अल्प संसाधन में आप तक पहुंचाने में प्रयत्न का प्रयास किया जा रहा है। इस पुस्तक की एक-एक पंक्ति आपके जीवन को
मेरी खुशी ओस की दो बूंदें जैसे,,,, वैसी ही है वो परियां, मखमली सी बातें गुणों में की है वो ख़ान, उसकी मुस्कराहट हर थकान मिटा देती, बातें उसकी नया ख्याब दिखा देती, सही रास्ते पर वो चलना सिखाती, भुल जाऊं तोनई राह दिखाती, भटका जब भी राहों से,,,याद उ
Motivational thoughts for those who desire
यह पुतस्क आज के युवाओं की सोच की व्याख्या तुलनात्मक ढंग से प्रस्तुत करती है। आज हमारी युवा पीढ़ी अपने लक्ष्य से भटक गयी है। उन्हें किसी की भावनाओं की परवाह नही, वे आज इलेक्ट्रॉनिक के युग मे जी रहे जिसका असर ये है कि उनका दिल और दिमाग दोनों एक रोबोट की
कुत्तों को पात्र बना कर राजनीति पर एक व्यंग करने का प्रयास किया है।
कहानी एक ऐसी लड़की की जिसकी शादी के आड़े हमेशा उसकी लम्बाई आ जाती थी। उसकी लम्बाई जो की सिर्फ 4 फीट थी। उसके घर वालों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि उसकी कभी शादी भी होंगी। लेकिन जैसा कि हर कहानी में ट्विस्ट आता है कुछ वैसा ही ट्विस्ट उस लड़की की ज़िन्दग
लड़की जब अपने घर रहती है ,तो उसके मां बाप उसे पराया धन कहते हैं और जब ससुराल जाती है तो वहां भी उसे पराए घर की कहा जाता है ,लड़की सोचती है की आखिर उसका घर कौनसा है ,उसके अपने कौन है,,,
संसार जीवन का अपना अलग ही महत्व होता है। सत्ता या लोभ के लिए अपने या अपनों के आदर्शों को या अपने परिवारिक या संबंधितो का त्याग करने में पीछे नहीं रहते। साथ ही वोट पाने के लिए लोभ, लालच देने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। या दे देते हैं।
आप सभी साहित्य प्रेमियों को सादर प्रणाम, मैं जयदेव टोकसिया हरियाणा मेरी जन्मस्थली है मुझे कविताएं लिखना अच्छा लगता है , मेरी कुछ कविताएं पत्र - पत्रिकाओं में छपती रहती है इस पुस्तक में मैं अपनी समस्त काव्य रचनाओं को एक साथ पिरौने कि पूरी कोशिश
मन के भावों को कविता के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है
ख्याल जब मन में हलचल मचाए कहने से बेहतर क्यों न उन्हें लिखा जाए
धर्म की आड़ में देश में ज़हर घोलने वाले लोगों को समझना होगा कि भारत एक ऐसा देश है जिसके बारे में सुनने वाला जान जाता है कि एक ऐसे देश का नाम लिया जा रहा है जिसमे बहुत से धर्म और परंपराओं का मिलजुला सार है, इसीलिए हमारी कोशिश है कि हम देश में बढ़ रही
चार दिन की जिन्दगी जोे कि जदों में कैद है कितनी आजादी सेे हम अपनी हदों में कैद हैं बांट लेंगे आसमां भी गर हमें मौका मिले अब तलक तो ये जमीं ही सरहदों में कैद है तुम तो अच्छे आदमी हो ना मिलेगा कुछ तुम्हेेें नाम, पैसा और इज्ज्त सब बदों म