ओम शंकर त्रिपाठी
हर विषय पर शोधपरक लयात्मक रचनाओं का संग्रह
bhavna Thaker
कभी-कभी इंसान अपेक्षाओं के पीछे भागते तमस की गर्ता में चले जाते है जहाँ से उभरना नामुमकिन होता है किसीकी किस्मत अच्छी होती है जिसे ईश्वर कृपा से कोई उ
Abhishek Kumar
अच्छी बातें
sushil
“लाज़” एक शब्द नही बल्कि औरत का वह कीमती आभूषण है , और समाज औरत को यह शिक्षा देता है कि वह पूरे जीवन इसकी रक्षा करे, पर ऐसा देखा गया है कि जो समाज औरत
Pratik Tiwari
हिंदुस्तान की एकता और वीर जवानों की गाथा का संकलन
Yogesh Pant
यह पुस्तक मेरी कविताओं का संग्रह है। सभी पढ़ें और आनंद लें।
Neha tripathi
इस किताब में सिर्फ आप कविताएं पढ़ेंगे
Online Edition
₹ 6
Sanjay Dani
हरिनारायण मिश्रा एक पंडित थे। बनारस के रहने वाले थे । उनका छोटा बेटा पढाई करके अमेरिका चला जाता है । वह अपने पिता के कहे अनुसार कब क्या करना है और क
Sonal Panwar
शब्दों के खेल से बनती है एक कविता, कवि के अंतर्मन से निकल कर शब्दों के मोती को माला में पिरोती है एक कविता, ज़ेहन से कागज़ के पन्नों पर उभरती है एक कवित
prem
इस पुस्तक में समसामयिक मुद्दों पर मेरे विचार, जो आज के हालात हैं और जो कल थे। आप इसे पढ़े और अपने विचार व्यक्त करें।
Pooja Sharma
यह कहानी एक ऐसी लड़की के बारे में है जिसे अपने जीवन के बारे में कुछ भी पता नहीं होता है पर उसे ऐसा लगता है कि उसके साथ कुछ ना कुछ जरूर होगा जो सबसे अल
Sanga sutar
जिसके साथ खून का सम्बन्ध नहीं होता, फिर भी प्रिय लगे.. *वह है👬दोस्त* जिसके साथ दुनियां भर की बातें करके भी थकान ना लगे ....
Preeti Soni
जिंदगी सुहाना है मगर मौत का फसाना है जब तक है जिंदगी हम दुनिया के बंदगी जीते हैं जब तक हम कुछ करके देखे हम यह जिंदगी हमें मां-बाप तो देते हैं उन कर्तव
राजेन्द्र चौहान
यह मेरी मौलिक कविताओं का संकलन है जिसयें जीवन के विविध भावों और और रंगों का समावेश विभिन्न काव्य विधाओं में करने.का एक लघु प्रयास है।
Nimish
बोलली नाही तू, कि मी एकटा पडतो......... वरून खुश दिसतो, पण मनातून रडतो.....
Sundeiip Sharma
जयश्रीकृष्ण पाठकगण सुधिजन व मित्रगण। आज मै अपनी पुस्तक "संदीप की कलम से" लेकर आपके बीच उपस्थित हुआ हू। यह मेरी पहली किताब की शक्ल अख्तियार कर रह
सन्तोष
पढ़ो ओर सत्य को महसूस करो
Rehan Shaikh
ना अर्ज किया है ना फर्ज किया है किसी ने हमें रिजेक्ट किया बाद में उसी ने हमें गूगल पर सर्च किया है अजी हार नहीं मानी हमने एक वक्त पर लोहा भी पिघल जात
Dinesh Dubey
इंसान कभी संतुष्ट नहीं होता है
सुकून
ये किताब सच और झूठ आप सब जरूर पढ़िएगा क्यों की आज कल लोग झूठ बोल कर बहुत खुश रहते हैं।