प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यू तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। इस उपन्यास में प्रेमचंद व्यापक स्तर पर किसान के उत
विविध विषयों-प्रसंगों पर आधारित मौलिक गीतों की लड़ियाँ, जो मौलिक संगीत की सरगम में पिरोयी जा सकती हैं...
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। 'रूठी रानी' एक ऐतिहासिक उपन्यास है, उपन्यास में
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। अमरकथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक अदन की वा
बर्षा रानी बर्षा रानी, आती हो तुम कितनी प्यारी। छम छम करती डम डम करती, उछल पुछल तुम दिन भर करती। अपने आंचल में तुम सबको भरती, प्रेम सदा तुम सबको करती। सबका खयाल सदा तुम रखती, प्रकृति के आंचल को ढकती। किसानों के खुशी की मुस्कान तुम बनती, फसलों की सि
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। अमरकथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक में किसा
जीना है तो मरना है जिंदगी से भी अब हारना है। डर के क्या जीना है अब तो साथ निभाना है। सुख का अब जीवन है दुखों का पहाड़ है। साथी कैसे साथ निभाना है जिंदगी भी दीवानी है।
बात उन दिनों की है जब लक्ष्मण सिंह पैदावार ले रहे थे , उनके पास उनके सबसे बड़े साले के उससे छोटे भाई का फोन आया, फोन उठाया ,उनकी आँखों से आँसू बहने लगे, वेसे ये बात उनकी पत्नी गंगा देवी को पता नहीं थीं। वेसे बात ये थीं कि उन्होंने बताया था कि उनकी भ
राजकुमार एक बिगडैल रईस जादा है। रैश ड्राइविंग उसका शगल है। जिसके कारण वह कई लोगों को घायल कर चुका है। पर वह अपने पैसों के बल पर कानूनी कार्यवाही से बचा हुआ है। एक रात जब वह क्लब से नस्जे की हालात पर घर आ रहा था की उसकी कार से एक रिक्शा वाले को चोट
सिफारिश लोगों की कमजोरी को दर्शाती है जमीर इजाजत न दे फिर भी इसकी लत लग ही जाती है। इश्क की सिफारिश में लाखों बर्बाद हुए ऑंसुओं की बारिश में अनेकों दिल तबाह हुए । सिफारिश की थी खुदा से मैंने मेरे महबूब को उसका इश्क
समय का चक्र जिस पर चलता है उसका बर्बादी निश्चित है !ऐसे भी कहा गया है "-समय का मारा क्या करे बेचारा ,बुद्धि छीन हो जाता है, कोई भी सहारा न कर पता है !एक कहानी सत राजा हरिश्चंद्र का है -जिन्हे राजा होते हुए भी एक दिन ऐसा हुआ की डोम घर बिकना पड़ा था !
ये कहानी है लक्ष्मी की जो 19 या 20 साल की होगी जिसका दिल दिमाग सब कुछ उसकी मां के कंट्रोल में है और उसकी शादी संजय से हो जाती है । आगे क्या होता है उसकी जिंदगी में ये वो खुद भी नही जानती : लक्ष्मी सुनो बेटा आज तुम्हे लडके वाले देखने आने वाले है तो
कहते हैं... जीवन का हर पल कुछ न कुछ सिखा जाता है... पर... क्या जिंदगी सीखने की प्रयोग शाला होती है? जिंदगी तो जीने के लिए मिलती है... हर पल सार्थक हो जरूरी नहीं.. कुछ बातें बिना वजह, बेमतलब होना भी जिंदगी है.. जैसे... दोस्तों के साथ बे
वैसे देखे तो सभी के जीवन में एक कहानी होता है किन्तु सभी असहज महसूस करते हैं उन्हें और को बताने में । मै भी उन्हीं में से एक हूं , किन्तु हां ये बात और है कि मै अपनी कहानी आपको आज बताने का मन बना लिया हूं । मै इस क्षेत्र में बिल्कुल नया हूं तो मैं अप
प्रस्तुत काव्य संग्रह 'नील कुसुम' में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' की सौन्दर्यान्वेसी वृत्ति काव्यमयी हो जाती है पर यह अंधेरे में ध्येय सौंदर्य का अन्वेषण नहीं, उजाले में ज्ञेय सौंदर्य का आराधन है। कवि के स्वर का ओज नये वेग से नये शिखर तक पहुँच जा