कहानियां मनोरंजक और आनंदप्रद दोनों हो सकती हैं। वे अंतर्दृष्टि और ज्ञान से भरी हो सकती हैं, ख़ासकर जब उन्होंने सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी सफ़र किया हो, और हर पुनर्कथन के साथ नए अर्थ अपनाए और छोड़े हों। इस विधा-परिवर्तक, श्रृंखला की पहली किताब में अमीश
On February 14, 1989, Valentine’s Day, Salman Rushdie received a telephone call from a BBC journalist who told the author that he had been “sentenced to death” by the Ayatollah Khomeini. It was the first time Rushdie heard the word fatwa. His crime?
Kab kon kiska sath deta hee.. Kashti ke mohafiz hi kashti ko dobuta hee. Bahut goroor tha tumhe in logon par..... Yahi log qatl ka dushmanu ko mashwara deta hee?
प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ’ वरिष्ठ कवि-कथाकार प्रकाश मनु की सर्वाधिक चर्चित और चुनिंदा कहानियों का संग्रह है। अलग-अलग रंग और अंदाज की ये कहानियाँ अपनी अद्भुत किस्सागोई और अनौपचारिक लहजे के कारण अलग पहचान में आती हैं। ये जीवन की गहरी जद्दोजहद से
प्रकाश मनु की 21 श्रेष्ठ कहानियों का यह संग्रह, निः संदेह हिंदी साहित्य के लेखकों और पाठको को बहुत कुछ अपना - सा और आत्मीय लगेगा |
उम्मीद एक ऐसी कहानी है जिससेे आप खुद को जुड़ा हुआ महसूस करेंगे |
इस पुस्तक में कविताओं का संग्रह किया गया है । कविताओं के द्वारा आपको जीवन से जुड़ी जानकारी प्राप्त होती है। तथा आप कविताओं के द्वारा अपना मनोरंजन भी कर सकते है। व विभिन्न प्रकार की कविताओं से अलग अलग ज्ञान प्राप्त कर सकते है ।
लोककथाएं इतनी पुरानी हैं कि कोई भी नहीं बता सकता कि उन्हें पहले-पहल किसने कहा होगा। लोक-कथाएं एक कान से दूसरे कान में, एक देश से दूसरे देश में जाती रहती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर इन कथाओं का रूपरंग भी बदलता जाता है। एक ही कहानी अलग-अलग
माँ की अपने परिवार ले प्रति सोच पर एक गज़ल।
जब इंसान अंदर से टूटता है तो वो अपनी बात समझाने के तरीके ढूँढने लगता है । और जब अंदर भावनाओं का ज्वार उठ रहा हो और सुनने वाला कोई न हो, तो वो खुद के लिए फैसलें लेता है । बेशक वो समाज की मान्यताओं में सही न हो लेकिन वो फिर भी अपने हक़ में फैसलें लेता ह
पिने बैठा हू, साथ मै गम लिये!.................... ग्लास मै पानी, सोडा
सफ़र या मंजिल में से ज्यादा जरूरी एक हमराही होता है!😊 ऐसे में नए शहर में अकेले पड़े निखिल को साथ मिला- आईशा का। पर यह साथ कहाँ तक चलेगा? या कौन किसके साथ कहाँ तक चलेगा? यह जाने के लिए तो कहानी पढनी पड़ेगी।😁 तो आइये इनके इस उतार-चढ़ाव में शामिल हो जाई
सुदामा ने कृष्ण से पूछा ये माया क्या है
"क्या हम सिर्फ़ मज़बूत लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं? कमज़ोरों के हक की लड़ाई में कमज़ोरों के लिए कोई जगह नहीं? (इस पुस्तक की एक कहानी, ‘और कितने यौवन चाहिए ययाति?’ में से) ये पंक्तियाँ सिर्फ़ इस कहानी की पंक्तियाँ नहीं हैं। ये अशोक कुमार पाण्डेय की कहानियों
मैं नास्तिक हूँ। कठिन वक़्त में यह मेरी कहानियाँ ही थी जिन्होंने मुझे सहारा दिया है। मैं बचा रह गया अपने लिखने के कारण। मैं हर बार तेज़ धूप में भागकर इस बरगद की छाँव में अपना आसरा पा लेता। इसे भगोड़ापन भी कह सकते हैं, पर यह एक अजीब दुनिया है जो मुझे बेह
इस किताब में आपको ऐसी कहानियां जो आपकी है जो मेरी है,जो दोस्तों के बीच से ,परिवार के बीच से,आफिस से,चलते फिरते रिश्तों के भीड़ से निकल कर आती हैं जो आपको जोड़ेंगी अक्कड़ बक्कड़ सी जिंदगी से,,,
कभी लगता था कि लंबी यात्राओं के लिए मेरे पैरों को अभी कई और साल का संयम चाहिए। वह एक उम्र होगी जिसमें किसी लंबी यात्रा पर निकला जाएगा। इसलिए अब तक मैं छोटी यात्राएँ ही करता रहा था। यूँ किन्हीं छोटी यात्राओं के बीच मैं भटक गया था और मुझे लगने लगा था क