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समान नागरिक संहिता

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समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि समाज के सभी वर्गों के साथ, चाहे उनका धर्म जो भी हो,  राष्ट्रीय नागरिक संहिता के अनुसार समान बर्ताव किया जाये जोकि सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिये । देश के आजाद

  "' हमारे देश में सभी को समानता देने के लिए समान कानून की व्यवस्था की गई, जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म जाति या संप्रदाय का हो ,उसके लिए सामान्य नागरिक संहिता का निर्माण किया गया।,सम

समान नागरिक संहितासमान नागरिक संहिता का सर्वप्रथम जिक्र सन 1835 की एक रिपोर्ट में किया गया था । जिसके अंतर्गत अपराधों, सबूतों और ठेके जैसे मुद्दों पर समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की गई थी। इसी

शब्द "समान नागरिक संहिता" (यूसीसी) कानूनों के एक प्रस्तावित सेट को संदर्भित करता है जिसका उद्देश्य धार्मिक रीति-रिवाजों और परंपराओं पर आधारित व्यक्तिगत कानूनों को एक देश के सभी नागरिकों पर लागू कानूनो

शब्द "समान नागरिक संहिता" (यूसीसी) कानूनों के एक प्रस्तावित सेट को संदर्भित करता है जिसका उद्देश्य धार्मिक रीति-रिवाजों और परंपराओं पर आधारित व्यक्तिगत कानूनों को एक देश के सभी नागरिकों पर लागू कानूनो

समान नागरिक संहिता का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। शादी

             भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक हेतु कानून समान होना चाहिए। भले ही वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो? भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। जिसका अर्थ यह

समान नागरिक संहिता एक ऐसा कानून है जो सभी धर्मों के नागरिकों को व्यक्तिगत स्तर पर, सम्पत्ति के संग्रहण और अधिग्रहण पर,तलाक विवाह और गोद लेने वाले तथ्यों पर समान रखने का अधिकार देता है।एक पंथनिरपेक्ष र

आज़ादी की क़वायद के दौर में और उसके बाद की सर्वप्रमुख उपलब्धियों में से एक भारतीय संविधान का निर्माण करना और उसका लागू होना रहा है । संविधान का 'चौथा भाग' नीति निर्देशक सिद्धान्तों के रूप में  राज्

हमारे देश में भाषण इत्यादी पर ज्यादा बल दिया जाता है की ऐसा होना चाहिये था वैसा होना चाहिये था ऐसा क्यूँ नही हुआ वैसा क्यूँ नही हुआ इसने ये किया वो नही किया वगेरह वगेरह आदि |आप चाहे देश के लिये कुछ भी

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है ।जैसा कि आज तबीयत मे सुधार है तो हम देहली शोप पर आ गये है ।मंदी का दौर चल रहा है । ग्राहक ना के बराबर है।आज का विषय:- समान नागरिक संहितायूनिफॉर्म सिविल कोड यानि समान नाग

समान नागरिक सहिंता एक ऐसा मुद्दा है जो हमेशा विवादित रहता है। समान नागरिक सहिंता बहुत विस्तृत और पेचीदा मामला है जिसका अर्थ सामान्यतः लोग उचित रूप से समझ नहीं पाते हैं।समान नागरिक सहिंता संविधान के भा

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