नई दिल्ली: वो पति-पत्नी नहीं थे लेकिन पति-पत्नी की तरह रहते थे। दोनो में प्यार इतना था कि लड़की ने प्रेमी का नाम अपने हाथ पर गुदवा लिया। प्रेमी ने शादी का वादा भी किया लेकिन शादी का समय आया तो मुकर गया। प्रेमी ने कहा कि उसके घर वाले शादी के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बाद लड़की ने अपने गांव के लोगो के साथ बरात लेकर प्रेमी के घर आ गई।
आखिरकार हो गई शादी
बता दें कि गीता कुमारी का प्रेम प्रसंग दीपक कुमार से वर्षों से चल रहा था। शादी तय होने के बाद लड़के के परिवार के लोगों ने इनकार कर दिया। इनकार किए जाने पर 16 नवंबर को गीता अपने पूरे परिजनों के साथ बारात सजा कर लड़के के घर पहुंच गई थी। इसकी सूचना के बाद लड़का एवं उसके पिता घर से फरार हो गए थे।
क्या कहा गीता ने
गीता ने कहा कि हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे। दीपक को पति मानकर मैंने अपने हाथ पर उसके नाम का गोदना भी गुदवाया लिया था, लेकिन वह कुछ दिनों बाद बदल गया। उसने शादी करने से इनकार कर दिया। मामला पंचायत तक पहुंचा और पंचायत ने तय किया कि 2.20 लाख रुपए दहेज देकर शादी होगी। पंचायत के फैसले पर शादी का 16 नवंबर तय किया गया था। पंचायत के फैसले के बाद गीता के पिता ने दीपक के पिता को दहेज दे दिया, लेकिन उनलोगों ने पैसा लेने के बाद शादी से इनकार कर दिया था।