नई दिल्ली : कांग्रेस नेता के वी थॉमस की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति (PAC) ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल और बोर्ड के अधिकारियों से एक मुलाकात कर नोटबंदी को लेकर कई सवाल पूछे हैं। जानकारी के अनुसार नोटबंदी के फैसले को लेकर समिति ने आरबीआई से पूछा कि नोटबंदी किसका फैसला था। साथ की नोटबंदी के दौरान आरबीआई की स्वायत्ता को लेकर भी आरबीआई गवर्नर से संसदीय समिति ने सवाल पूछे। इस पूछताछ में खासतौर पर 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद आम लोगों को हुई दिक्कतों से जुड़े सवाल शामिल थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से कई सवालों के जवाब बैंक अधिकारियों के पास नहीं थे। समति ने आरबीआई गवर्नर से यह भी पूछा कि नोटबंदी के बाद कितनी पुरानी करेंसी बैंकों में वापस आयी। समिति ने आरबीआई से सवाल पूछे कि केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने संसद में कहा था कि यह पूरी तरह आरबीआई और इसके बोर्ड का फैसला था। क्या आप इससे सहमत हैं ?
संसदीय समिति के सामने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, आरबीआई डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन, आरबीआई डिप्टी गवर्नर आर गांधी, एसबीआई चेयरमैन अरूंधति भट्टाचार्य और आईसीआईसीआई बैंक की एमडी चंदा कोचर की पेशी हुई जिसमें सबऑर्डिनेट लेजिस्लेशन पर संसदीय समिति ने आरबीआई और बैंकों से पूछताछ की।
उर्जित पटेल बैठक में करीब 2 घंटे तक रहे। इसमें नोटबंदी के असर और लागू करने में हुई दिक्कतों पर सवाल पूछे गए। नोटबंदी लागू करने में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी सवाल हुए। इसके अलावा आरबीआई की स्वायत्तता, बैंकिंग सिस्टम को आ रही समस्याओं से जुड़े सवाल भी पूछे गए।
सूत्रों के मुताबिक आरबीआई ने इस पेशी में नोटबंदी लागू करने में नाकाम रहने से इनकार किया। बैंकरों ने सिस्टम में भ्रष्टाचार के आरोपों का बचाव किया। सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक इस पेशी में समिति के सदस्यों के ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं मिले।