
नई दिल्लीः मुलायम कुनबे में मची कलह के बीच जनता में अखिलेश के प्रति सहानुभूति की लहर देखते हुए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और भाई शिवपाल यादव को बैकफुट पर होना पड़ा है। कहीं समर्थक पार्टी से छिटक न जाएं इसके लिए अखिलेश यादव को ही चुनाव में चेहरा बनाने का फैसला हुआ है। कहा जा रहा है कि अगर पार्टी जीतती है तो चुनाव के बाद विधायकों की बैठक में महज औपचारिक अनुमोदन ही होगी। अखिलेश की मजबूत और साफ-सुथरी छवि का सपा के पास कोई विकल्प नहीं है। मुलायम के सीएम चेहरा बाद में तय करने के बवाल के बाद पार्टी के खिलाफ जा रहे माहौल को पलटने के लिए सपा नेता किरनमय नंदा की ओर से बयान दिलाया गया कि मीडिया कन्फ्यूजन न फैलाए। चुनाव अखिलेश की छवि को आगे रखकर ही लड़ा जाएगा।
क्या बोले सपा नेता किरनमय नंदा
सपा नेता किरनमय नंदा ने कहा कि सीएम पद के उम्मीदवार को लेकर न पार्टी में कंफ्यूजन कभी रहा न जनता में। केवल मीडिया जरूर भ्रम फैरला रही। हम बताना चाहेंगे कि चुनाव समाजवादी पार्टी जीतेगी और अखिलेश यादव ही इस बार भी मुख्यमंत्री दावेदार होंगे। यहां बता दें कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि विधायक दल अपना नेता चुनाव के बाद चुनेगा। वहीं अखिलेश ने एक इंटरव्यू में कहा था वे अपना प्रचार खुद करेंगे, जैसे कि उन्होंने बचपन में अपना नाम भी खुद रखा था।