नई दिल्ली : यूपी की सियासत में तनातनी के बीच गुरुवार को पहली बार चाचा शिवपाल यादव के साथ भतीजे अखिलेश यादव की मुलाकात हुई. दोनों के बीच करीब 15 मिनट पर बातचीत हुई. लेकिन इसके बाद भी सुलह नहीं हो पायी. थोड़ी ही देर बाद चाचा और भतीजे के बीच चल रहे विवाद को स्वंय दिल्ली से नेताजी मुलायम सिंह यादव समझाने पहुंचे, लेकिन वह भी इस झगडे को सुलटा नहीं सके. जिसके चलते शिवपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.
मुलायम से पहले चाचा और भतीजे के बीच हुई वार्ता
इससे पहले सूबे की राजधानी लखनऊ में पांच कालिदास मार्ग पर भतीजे सीएम के साथ चाचा शिवपाल यादव की बैठक हुई. जबकि बैठक से निकलने पर शिवपाल ने कोई बयान नहीं दिया. अखिलेश देर शाम पिता मुलायम से मिलने देर शाम उनके विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पहुंचे. चाचा-भतीजे के बीच झगड़े को निपटाने मुलायम खास तौर पर दिल्ली से लखनऊ पहुंचे थे.अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच की मुलाकात 15 मिनट तक चली. पिछले दिनों दोनों के बीच खुलकर सामने आई तनातनी के बाद ये पहली मुलाकात थी. दिलचस्प यह है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह दिल्ली से खास तौर पर झगड़ा सुलझाने लखनऊ पहुंचे थे. लेकिन 5 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी वह सीएम से नहीं मिले.
दूसरे चाचा रामगोपाल मिले अखिलेश से
इससे पहले गुरुवार को दिन में अखिलेश यादव से उनके दूसरे चाचा रामगोपाल यादव ने भी मुलाकात की. सैफई से लखनऊ पहुंचे रामगोपाल संग अखिलेश की यह बैठक करीब एक घंटे लंबी चली, वहीं शिवपाल यादव ने भी दिल्ली में मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की. अखिलेश से मुलाकात के बाद राम गोपाल ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि सिर्फ एक शख्स पार्टी का नुकसान करने पर तुला हुआ है. उन्होंने अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने को भी गलत ठहराया. पेशे से टीचर रहे राम गोपाल यादव इस समय सपा के टिकट पर यूपी से राज्यसभा के सदस्य हैं. राम गोपाल सपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता के पद पर भी हैं.
साढ़े चार साल पहले बढ़ी थीं अखिलेश से दूरियां
मुलायम के चचेरे भाई राम गोपाल की अखिलेश से अच्छी बनती है, जबकि साढ़े चार साल पहले चाचा शिवपाल यादव से अखिलेश के रिश्ते उस वक्त खराब हो गए थे जब उन्हें सीएम बनाया गया था. उसके बाद भी कई ऐसे मौके आए जब अखिलेश और शिवपाल के बीच दूरियां साफ दिखाई दीं. चाहे वो अमर सिंह की वापसी का मसला हो या बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय की.
मुलायम से बात कर नरम पड़े शिवपाल
दूसरी ओर, मुलायम सिंह यह साफ कर चुके हैं कि शिवपाल यादव न तो कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देंगे और ना ही यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से. शिवपाल भी बड़े भाई मुलायम से मिलने के बाद थोड़े नरम पड़ गए हैं. उन्होंने बुधवार को मुलाकात के बाद कहा था कि मुलायम भी खुश हैं और वो भी. अखिलेश और शिवपाल में ताजा तकरार तब शुरू हुई, जब मुलायम सिंह ने अखिलेश की जगह शिवपाल को यूपी सपा का अध्यक्ष नियुक्त किया. अखिलेश ने इसके बाद शिवपाल के करीबी रहे दो कैबिनेट मंत्रियों और मुख्य सचिव की छुट्टी कर दी. यही नहीं उन्होंने शिवपाल से कई विभाग भी छीन लिए.