नई दिल्ली : देश की नई कर प्रणाली गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को लागू करने में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही एक प्राइवेट कंपनी 'गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। यह कंपनी जीएसटी में फ़िलहाल आईटी का काम देख रही है।
इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल ब्यूरो ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (CBEC) ने सर्विस टैक्स चोरी के मामले में इस कंपनी की जाँच कर रहा है। सीबीईसी ने इस कंपनी को समन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 22 फ़रवरी वह सीबीईसी के सामने बैलेंस शीट्स, बैंक स्टेटमेंट और इनकम टैक्स रिटर्न के दस्तावेजों के साथ पेश हों।
साल 2013 में बनी इस कंपनी में 51% हिस्सेदारी बैंकों और फाइनैंशल संस्थाओं की है जबकि जीएसटीएन में सरकार की हिस्सेदारी 24.5 फीसदी है। कंपनी की कुल संपत्ति 143 करोड़ रुपये है और 31 मार्च, 2016 तक कंपनी का रेवेन्यू 16.3 करोड़ रुपये था।
सुब्रमण्यम स्वामी भी उठा चुके हैं सवाल
जीएसटीएन पर पहली बार कोई सवाल नही उठ रहा है बल्कि इससे पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम भी इस सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि GSTN में बड़ा हिस्सा प्राइवेट कंपनियों का है जबकि जीएसटी का काम सरकारी कंपनियों को दिया जाना चाहिए।