नई दिल्लीः पब्लिक सेक्टर यूनिट यानी सार्वजनिक उपक्रम में भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने पर मोदी सरकार ने पहली बड़ी त्वरित कार्रवाई की है। करोड़ों की हेराफेरी के मामले में ब्रिज रूफ कंपनी(इंडिया) लिमिटेड के सीएमडी एमके सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी(एससीसी) की बैठक में लिया गया। जिस तरह से मोदी ने बैठक में तत्काल भ्रष्टाचार के मामले में एमके सिंह को बर्खास्त करने का फरमान जारी किया, उससे ब्यूरोक्रेसी सहित सभी उपक्रमों में हड़कंप मचा है।
1710.18 करोड़ टर्नओवर से मुनाफा घटकर हुआ पांच करोड़
ब्रिज एंड रूफ कंपनी का कभी मुनाफा 1710.18 करोड़ रुपये हुआ करता था मगर एमके सिंह के सीएमडी बनने के बाद से मुनाफा घटते-घटते पांच करोड़ की हालत में पहुंच गया। यहां तक कि पीबीटी यानी प्राफिट्स बिफोर टैक्स 68.4 करोड़ से 2015-16 में पांच करोड़ हो गया। पीएसयू की माली हालत खराब होने पर मामला संदिग्ध देख पीएम मोदी ने जांच शुरू कराई। तब जाकर खेल का खुलासा हुआ।
10.35 करोड़ की मनी लांड्रिंग में फंसे
सबसे गंभीर मामला रहा कि एमके सिंह ने दुबई में एक भारतीय को एस्सार कुवैत रिफाइनरी यूनिट के लिए विदेशी एजेंट बनाया। एसबीआई की एस्सार प्रोजेक्ट को बैंक गारंटी की आपत्ति के बाद भी 10.66 करोड़ रुपये कमीशन जारी किए गए। उस शख्स ने कुछ दिन बाद 10 करोड़ 35 लाख वापस भेजवा दिया। यह मामला मनी लांड्रिंग का रहा। इसके अलावा 65 लाख रुपये की अन्य वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया। जांच में दोनों आरोपों की पुष्टि हुई तो कमेटी ने बर्खास्त करने का फैसला लिया।
सीवीसी के निर्देश पर एमके सिंह के खिलाफ मुकदमा
पूरे मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने एमके सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराने की कार्रवाई की है। यह कार्रवाई आरोपों पर उनका स्पष्टीकरण लेने के बाद हुई।