नई दिल्ली : जयपुर के जयगढ़ किले में चल रही फिल्म पद्मावती की शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना ने संजय लीला भन्साली के साथ हाथापाई की लेकिन इस मामले में कोई शिकायत न किये जाने के कारण 5 लोगों को हिरासत में लिए जाने के बाद छोड़ दिया गया। इस मामले में बॉलीवुड ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने ट्वीट किया है कि "क्या एक बार समूची फ़िल्म इंडस्ट्री साथ आकर वो गधा बनने से इनकार कर सकती है जिस पर सभी बेबकूफ़ सवारी करते हैं।"
अनुराग कश्यप इतने पर ही नही रुके उन्होंने कहा कि "हिंदू चरपमंथी ट्विटर से निकलकर असली दुनिया में आ गए हैं और हिंदू चरमपंथ अब मिथक नहीं रहा।"
मालिक मोहम्मद जायसी के लिखे जिस पद्मावती के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने के कारण बवाल मचा हुआ है उसको लेकर कई इतिहासकार मानते हैं कि जायसी का महाकव्य मात्र एक कल्पना है। वह मानते हैं कि जायसी की 'पद्मावत' भी एक सूफी अवधारणा पर आधारित है सूफी अवधारणा के मुताबिक, अल्लाह एक महबूब है और इंसान उसका एक आशिक है।
इस अवधारणा में महबूब और आशिक मिलकर फना हो जाते हैं. ये एक तरह का सूफी रोमांस ही है। 'पद्मावत' का भी यही आधार है. पद्मावती कोई वास्तविक चरित्र नहीं है, ये जायसी की एक कल्पना है, जिसे उन्होंने सूफी रोमांस में ढाला था. इतिहास में पद्मावती का कोई जिक्र नहीं है।
फ़िल्मकार इस तरह की कहानियों को दर्शकों के मनोरंजन के लिए भुनाते हैं। भले ही आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'जोधा-अकबर' ने बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई की हो, लेकिन सच तो ये है कि इतिहास में जोधा नाम की अकबर की कोई पत्नी ही नहीं थी. ये भी महज एक कल्पना ही है, जिसे बॉलीवुड ने भुनाया है।