बैंक इस पूरे मामले से अपना पलड़ा झाड़ रही है। पुलिस मामले की जांच करने की बात कर रही है।
यूपी के कानपुर जिले में एक शख्स के साथ धोखाधड़ी कर अकाउंट से हजारों रुपए निकालने का मामला सामने आया है।
बैंक के नाम से आया एक फोन और मांगी ये डिटेल
- मामला कानपुर के गांधी ग्राम का है। यहां रहने वाले अनूप ने बताया- मेरा यूनियन बैंक में पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट है।
- 31 दिसंबर की दोपहर 7324907709 मोबाइल नंबर से एक फोन आया था।
- फोन करने वाले ने बताया कि वो यूनियन बैंक से बोल रहा है। उस युवक ने आधार कार्ड जमा नहीं होने पर एटीएम कार्ड बंद किए जाने की जानकारी दी।
- अनूप ने एटीएम कार्ड को दोबारा चालू करवाने के लिए फोन करने वाले को कार्ड के 16 डिजिट का नंबर और आधार नंबर बता दिया।
- यही नहीं, आरोपी ने अनूप से ये भी कहा था कि मोबाइल में जो मैसेज आए वह बहुत ही गोपनीय होता है, उसे किसी से शेयर नहीं करने की सलाह दी। साथ ही उस मैसेज को डिलीट कर देने के लिए कहा।
- इसके बाद उसने 3 दिन में एटीमएम चालू हो जाने की बात कही।
3 दिन में निकले75हज़ार रुपए
- अनूप के मुताबिक, उन्होंने एटीएम कार्ड बंद होने की जानकारी अपनी पत्नी को भी नहीं दी और ना ही बैंक जाकर चेक कराया।
- 4 जनवरी को बैंक से एक मैसेज आया, जिसमें अनूप के अकाउंट से 75 हजार रुपए निकाले जाने की जानकारी थी।
- मैसेज देखते ही अनूप के होश उड़ गए। बैंक जाकर जानकारी की तो पता चला कि 2 जनवरी को करीब 40 हजार रुपए अकाउंट से निकले।
- 3 जनवरी को 25 हजार और 4 जनवरी को 10 हजार रुपए निकले है। 75 हजार रुपए एक साथ निकालने के बजाय, 5-5 हजार रुपए निकाले गए थे।
बैंक ने कहा- कभी नहीं की गई ऐसी कॉल
- अनूप के मुताबिक, बैंक ने उनका अकाउंट बंद कर दिया है।
- आरोपी के नंंबर भी स्विच ऑफ हो गया है। वहीं, बैंक ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है कि बैंक से इस तरह के कोई कॉल नहीं जाता।
- पीड़ित अनूप ने अपने साथ हुए धोखाधड़ी को लेकर चकेरी थाने में शिकायत की है। पुलिस ने इसे साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
कहां करे शिकायत -
- बैंक कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल सोनकर ने बताया, इस तरह के फ्रॉड की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होती, क्योंकि कोई भी बैंक अपने किसी भी उपभोक्ता से बैंक सम्बंधित किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं मांगता।
- हांलाकि, फिर भी अगर किसी उपभोक्ता के साथ इस तरह का फ्राड हो तो सबसे पहले वो अपने बैंक की ब्रांच में जाकर मैनेजर से शिकायत कर सकता है।
- इसके बाद अगर उपभोक्ता का अपने ब्रांच से कोई निवारण ना हो तो वो बैंक के सर्किल ऑफिस (मुख्य ब्रांच) में जाकर शिकायत डेस्क पर अपनी शिकायत कर सकता है।
- सर्किल ऑफिस में करीब 45 दिन के अंदर उपभोक्ता के शिकायत का निवारण कर दिया जाता है।
- अगर वहां के जांच से उपभोक्ता संतुष्ट नहीं है, तो आरबीआई में बैंकिंग लोकपाल के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
- जब इन तीनों जगह से उपभोक्ता के शिकायत का निवारण ना हो, तब उसके पास आखरी चांस है इसकी शिकायत पुलिस में करने का।
- पुलिस अपने स्तर से इसकी जांच करती है। लेकिन इस तरह के केस में इनका मानना है कि फ्राड करने वालों के पास कई अकाउंट नंबर होते। जिसकी वजह से उनके पास कई एटीएम कार्ड होते हैं। ऐसे में उनका पता लगाना मुश्किल होता है।
बैंक के गाइड लाइन -
- अनिल सोनकर के मुताबिक, किसी भी उपभोक्ता को अपना डेविट कार्ड नंबर और उसका पिन नंबर किसी अनजान को नहीं देना चाहिए। क्योंकि ये बेहद गोपनीय होता है।
- साथ ही किसी अनजान शख्स को अपना एकाउंट नंबर भी नहीं देना चाहिए।
- कोई भी बैंक अपने किसी भी उपभोक्ता से डेविड कार्ड या एकाउंट नंबर का एकाउंट नहीं मांगता।
- अगर किसी उपभोक्ता के मोबाइल पर इस तरह का कोई कॉल आए तो उपभोक्ता को अपने डिटेल को बताने के बजाय अपने ब्रांच में जाकर इसकी जानकारी कर लेनी चाहिए।
- अगर उपभोक्ता के डेविड कार्ड या अकाउंट में कोई परेशानी होगी] तो उसे ब्रांच ऑफिस में ही हल कर दिया जाएगा।
5-5 हजार करके शख्स के अकाउंट से 75 हजार रुपए निकाल लिए गए।
fraud with man after bank account detail share on phone - www.bhaskar.com