यह उपन्यास अनोखा प्यार एक सुन्दर लड़की और बदसूरत लड़के बादल की अनोखी प्रेम कहानी है। इस अनोखी प्रेम कहानी के लिए मैं क्या कहूं नायिका वसुन्धरा के शब्दों को ही यहां अंकित कर रहा हूं-'आज मुझे यह कटु अनुभव हुआ कि किसी को भी न तो अपने से अधिक सुन्दरता और न ही अधिक कुरूपता की ओर आकर्षित होना चाहिए।
अहंकार व्यक्ति को पतित करता है इसीलिए अंकारी का सिर सदैव नीचा होता है। अहंकारी दूसरों की सुनता नहीं है इसलिए सत्य सदैव उससे छिप रहता है। घट-घट में ईश्वर व्याप्त है जो यह समझता है उसे सबमें ईश्वर के दर्शन होते हैं और उससे अहंकार कोसों दूर हो जाता है, ऐसे में वह कुकर्म भी नहीं करता है। तब सहज, सरल व
व्यक्ति की रचनात्मक प्रवृत्ति तब अधिक निखर कर आती है जब वह मुक्त होकर सोचता है। मुक्त सोच के अनुसार कुछ नया करने का प्रयास करने पर भी रचनात्मकता आती है। अपनी मुक्त सोच को अपनी रचनात्मक रुचि के अनुसार विकसित करें। ऐसा करने से आपके कार्य में नवीनता होगी और लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करने में भी
जब व्यक्ति का अपनी सोच और उसे पूर्ण करने का पूर्ण विश्वास होता है तो वह अवश्य सफल होता है। प्रत्येक प्रयास सफल होने की सीख देता है और आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता है। विश्वास से ही परिश्रम करने का साहस मिलता है और सफलता प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। विश्वास जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है
1. प्रेय/प्रेयस क-अत्यधिक प्रिय ख-प्रेम ग-शत्रु 2. प्रोत्साहक क-प्रेरणा ख-उत्साह देने वाला ग-उमंग 3. बड़का क-सबसे बड़ा ख-बहिन ग-लड़का 4. बड़प्पन
तन की पवित्रता से अधिक मन की पवित्रता महत्त्वपूर्ण है। जो तन से पवित्र होते हैं और मन मैला होता है वे कुटिल होते हैं नाकि पवित्र। तन की पवित्रता स्वास्थ्यवर्धक है जबकि मन की पवित्रता परमार्थवर्धक है। दुःख में काम आने वाला मन से पवित्र होता है। जो दूजों के दुःख में काम नहीं आता है वह कभी मन से पवित
1. चौबारा क-खिड़की ख-दरवाजा ग-चहुं ओर खिड़की दरवाजे वाला कमरा 2. चौरा क-चार दिशाएं ख-चबूतरा ग-चोर 3. चौर्योन्माद क-चोरी करने का चस्का ख-चोर ग-दस्यु 4. च्युति
पूर्व लेख में गण्डमूल इतने अशुभ क्यों के अन्तर्गत सन्धि की चर्चा के साथ-साथ यह बता चुके हैं कि सन्धि कैसी भी हो अशुभ होती है। बड़े व छोटे मूल क्या हैं। गण्डान्त मूल और उसका फल क्या है। अब इसी ज्ञान में और वृद्धि करते हैं। अभुक्त मूल-ज्येष्ठा नक्षत्र के अन्त की 1घटी(24मिनट) तथा मूल नक्षत्र की
1. छिनाला क-चरित्रभ्रष्ट ख-दोषी ग-व्यभिचार 2. छोकड़ी क-टोकरी ख-लड़की ग-लड़का 3. जघन्य क-अति निन्दनीय ख-जंघा ग-कठिन 4. जनाचार क-घनी बस्ती ख-जनता