व्यक्ति की रचनात्मक प्रवृत्ति तब अधिक निखर कर आती है जब वह मुक्त होकर सोचता है।
मुक्त सोच के अनुसार कुछ नया करने का प्रयास करने पर भी रचनात्मकता आती है।
अपनी मुक्त सोच को अपनी रचनात्मक रुचि के अनुसार विकसित करें।
ऐसा करने से आपके कार्य में नवीनता होगी और लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करने में भी सरलता रहेगी।
रचनात्मकता संग किए गए कार्यों से जल्दी मन भी उचाट नहीं होता है और कार्य को करने में मन भी लगता है।
प्रत्येक को अपने कार्यों में रचनात्मकता को अवश्य शामिल करना चाहिए जिससे जीवन सदैव उन्नत पथ पर अग्रसर हो।