नमस्कार संजय जी, आज तक के तेज चैनल पर आप जी की पत्रकार वाली कहानी सुनी बेशक आप एक महान पत्रकार हैं इस कारण और कुछ लोगों को यह कहानी मजेदार लगी होगी क्योंकि वो कहानी का ए
मेरा गांव मेरा देश मेरा ये वतन, तुझपे निसार है मेरा तन मेरा मन । आद
तीन दिन से छुट्टी पर चल रही है, काम नहीं करना तो मना कर दे, कोई जोर जबरदस्ती थोड़ी है. रोज कोई ना कोई बहाना लेकर भेज देती है अपनी बेटी को, उससे न सफाई ठीक से होती है और ना ही बर्तन साफ़ होते है. कपड़ों पर भी दाग यूँ के यूँ लगे रहते है .......... और उसमे इस बेचारी का दोष भी क्या है? इसकी उम्र भी तो नही
पापा लाएवन पिजनमम्मी लाईटू डॉग्सथ्री कैट्स देख मगर शिक्षाने मचाया शोर,फोर बजे से लगीचिल्लाने डैड वॉक कराओ नहीं तो मेरे लिए कहीं से फाइव टैडी लेआओ ...सिक्स बजने पर नानी अम्मा सेवन चॉकलेट लाई,ऐट बजे तक शिक्षाजी ने बहुत इंटरेस्ट ले खाईंनौ दिन तक बूढ़े दादा ने हिंदी रोज सिखाई,हुई परीक्षा शिक्षा दस में द
HTET :शिक्षक बनने का सपना।संजो रहे युवा पढ़ें बुरी खबरपीजीटी के लिए आवेदन करने वाले युवा सकते मेंभाषायी विषयों में बीएडउत्तीर्ण कर टीचर बनने काख्वाब संजोए प्रदेशभर केहजारों युवकों को शिक्षाविभाग ने झटका दिया है। इसबार भाषीय विषय में कक्षा 6से 8वीं तक टीजीटी के लिएआवेदन करने वाले प्रदेशभर केभाषायी आव