भोपाल : एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आधिकारिक आवास पर प्रदेश की मेरिट लिस्ट में टॉप 10 आने वाले छात्रों को सम्मानित किए जा रहे थे, वहीं दूसरी ओर दसवीं का टॉपर देव प्रकाश मांझी अपने घर में रोता रहा. अब इसे संयोग कहें या गड़बड़ी, अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी प्रशासन उसे कार्यक्रम में बुलाना ही भूल गया.
देव प्रकाश ने फोन पर रोते हुए बताया कि 'मैं निराश हूं. मुझे राज्य के टॉपर के रूप में अपना नाम देखकर खुशी हुई, लेकिन यह खुशी मामा (सीएम शिवराज सिंह) से पुरस्कार न मिल पाने की वजह से धुल गई. मुझे आशा है, मामा इस मामले पर विचार करेंगे.' छात्र ने समारोह में आमंत्रित नहीं करने पर अधिकारियों को दोषी ठहराया. देव के पिता कदम सिंह मांझी, मध्य प्रदेश पुलिस में एक कॉन्स्टेबल हैं और शिवपुरी में तैनात हैं.
देव प्रकाश बात करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा, 'इस तरह की उपलब्धियां जीवन में कम मिलती हैं. मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा, लेकिन कम से कम यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए था कि कोई टॉपर बचा नहीं है.' देव प्रकाश ने दावा किया कि जिला शिक्षा कार्यालय को कार्यक्रम की जानकारी थी. उसने कहा, 'मुझे समाचार पत्रों और टीवी चैनलों से मुख्यमंत्री आवास में आयोजित समारोह के बारे में पता चला. मेरा परिवार और मैं समारोह में शामिल होने के लिए उत्सुक थे, लेकिन हमें कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं मिला.' मध्यप्रदेश बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन के चेयरमैन एसआर मोहंती ने कहा, 'इस समारोह के लिए उसे आमंत्रित ना करने का कोई इरादा नहीं था. यह अनजाने में हुआ.'