इलाहाबाद : इलाहाबाद में आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसभाओं को संबोधित करने आने वाले हैं। रात को शहर की दो सीटों इलाहाबाद पश्चिम और इलाहाबाद दक्षिण के चुनावी माहौल का जायज़ा लेने का मौका मिला। पश्चिम से बीजेपी के उम्मीदवार सिद्धार्थ नाथ सिंह की नुक्कड़ सभा में उनके गुस्सैल तेवर देखने को मिले। डेढ़ घंटे से इंतज़ार कर रहे स्थानीय वोटरों को देर से आने के बावजूद उन्होंने झुंझलाते हुए सख्त अंदाज़ में संबोधित किया। कहने लगे -टाइम नहीं है मेरे पास , सेल्फी मत खींचो, शोर मत करो, मुझे और जगह भी जाना है। राजनीति के अपराधीकरण की जीती जागती मिसाल है
ये सीट समाजवादी पार्टी के बाहुबली अतीक अहमद यहीं से जीतते रहे हैं लेकिन इस बार अखिलेश यादव ने पार्टी की छवि सुधारने के लिए उन्हें किनारे कर दिया है। अनुप्रिया पटेल ने सिद्धार्थ नाथ सिंह के लिए वोट मांगा और इलाके को बाहुबलियों के कब्ज़े से मुक्त कराने की बात तो कही लेकिन अतीक अहमद का नाम नहीं लिया क्योंकि अतीक इस सीट से उनकी पार्टी अपना दल के उम्मीदवार भी रह चुके हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह यहां लाल बहादुर शास्त्री और प्रदेश के पूर्व मंत्री चौधरी नौनिहाल सिंह से जुड़ी अपनी पारिवारिक विरासत और नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बूते पर वोट मांग रहे हैं। उनका मुकाबला दो महिलाओं से है। बीएसपी की तरफ से हैं मौजूदा विधायक पूजा पाल जो अपने पति राजू पाल की हत्या के बाद सहानुभूति के सहारे जीती थीं।
समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हैं ऋचा सिंह जो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की धाकड़ छात्र नेता और तेज़ तर्रार वक्ता के तौर पर अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। खुद बीजेपी कार्यकर्ता मानते हैं कि मुकाबला कड़ा है। हालांकि सिद्धार्थ नाथ सिंह के तेवर देख कर ऐसा लगा कि वो खुद को जीता हुआ मान चुके हैं। इलाहाबाद दक्षिण की सीट पर बीजेपी को उम्मीदवार नंद गोपाल गुप्ता नंदी की निजी छवि के बूते पर जीत का भरोसा है। नंदी इलाहाबाद में बीजेपी के पुराने धुरंधर केशरीनाथ त्रिपाठी और तत्कालीन कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी को हरा चुके हैं। शहर में घूमते हुए ये अंदाज़ा लगा कि कब्रिस्तान,श्मशान और रमज़ान वाले बयान से इलाहाबाद में पार्टी कार्यकर्ता भी भौंचक्के हैं क्योंकि मुसलमान वोटरों की तादाद यहां अच्छी खासी है।