दिल्ली : पीवी सिंधु से भारत को बैडमिंटन में पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाने की उम्मीद जगा दी है. रियो में भारत को गोल्ड दिलाने के शुक्रवार को फाइनल मुकाबले में सिंधु को स्पेन की कैरोलिना मारिन से भिड़ना होगा.
एक तरफ जहां देश को सिंधु से गोल्ड की उम्मीद है तो उनकी मां को अपनी बेटी पर पूरा भरोसा है कि वो सोना जीतने में सफल होगी. उन्होंने कहा कि जिस आक्रमकता के साथ सिंधु खेल रही है उससे लगता है कि वो जरूर फाइनल में कैरोलिना को हरा देगी और भारत के खाते में रियो ओलंपिक का पहला गोल्ड आएगा.
सिंधु की मां ने कहा कि जब वो 8 साल की थी तभी से उसने बैडमिंटन रैकेट को थाम लिया था. उसके इस सफर में गोपी सर (पुलेला गोपीचंद) का काफी योगदान रहा है. उनके अकादमी में उसे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि बैडमिंटन खेलने के लिए हमलोगों से अधिक सिंधु को ही परेशानी झेलनी पड़ी है. क्योंकि बैडमिंटन सीखने के लिए वो शिकंदराबाद से गच्चीबोली आती थी. प्रतिदिन उसे 120 किमी का सफर तय करना पड़ता था. बाद में सिंधु के लिए हमलोग यहां शिफ्ट हो गए. मैंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी. सिंधु की मां ने कहा कि मैं तो सिर्फ भगवान से प्रार्थना करुंगी कि वो भारत के लिए गोल्ड जीते. फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे.
फाइनल मुकाबला शुक्रवार को भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे होगा. पीवी सिंधु की जीत के तुरंत बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें फाइनल के लिए शुभकामना दी. पीएम ने सेमीफाइनल में उनके जोरदार प्रदर्शन को भी खूब सराहा.