नई दिल्लीः यूपी में समाजवादी पार्टी के अंदर पैदा हुए संकट के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अटकलें लगने लगीं हैं। सपा से छह साल के लिए निष्कासन के बाद जहां मुलायम ने नया नेता चुनने की बात कह दी है, वहीं अखिलेश ने कुर्सी ने छोड़ने की बात कही है। ऐसे में शनिवार को यादव कुनबे के दोनों पक्ष अपने घर में ही विधायकों को जुटाकर अपनी औकात का पता लगाएंगे। इसके बाद ही मुख्यमंत्री पद पर जारी संशय दूर होगा।
अखिलेश और मुलायम ने बुलाई विधायकों की बैठक
अखिलेश ने सुबह नौ बजे विधायकों की बैठक बुलाई है। वहीं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि जो अखिलेश की मीटिंग में पहुंचेगा, उसका टिकट काट दिया जाएगा। मुलायम ने भी अपने आवास पर विधायकों और सभी टिकट पाने वाले नेताओं को बुलाया है। साढ़े दस बजे तक दोनों बैठकों से तस्वीर साफ हो जाएगी कि सबसे ज्यादा विधायकों का समर्थन किसके पास है। अगर अखिलेश की मीटिंग में 170 से 180 विधायक पहुंचेंगे तो फिर मुलायम और शिवपाल राजभवन जाने से पैर खींच लेंगे। तब अखिलेश राजभवन को अपने पास विश्वासमत होने की सूचना देंगे। अगर विधायकों ने अखिलेश को गच्चा दे दिया और ज्यादा संख्या में मुलायम की मीटिंग में शामिल हुए तो फिर मुलायम राजभवन जाकर नए मुख्यमंत्री का नाम सौंप सकते हैं। इन दोनों स्थितियों में राज्यपाल राम नाईक स्वविवेक का इस्तेमाल कर फ्लोर टेस्ट को लेकर फैसला करेंगे। राजभवन से फ्लोर टेस्ट की कवायद तभी होगी, जब कि दोनों में से कोई पक्ष दरख्वास्त देगा।
शिवपाल बन सकते हैं मुख्यमंत्री
कहा जा रहा है कि अगर मुलायम सिंह यादव की बैठक में पार्टी के ज्यादा विधायक पहुंचे तो भी शिवपाल यादव मुख्यमंत्री हो सकते हैं । सपा सुप्रीमो शिवपाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी देने पर राजी हो चुके हैं। अब इस उम्र में खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं संभालना चाहते।