दिल्ली : दिल्ली सरकार की ओर से आयोजित हुए रीडिंग मेले के बाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों मे पढ़ने वाले छात्रों के अंदर बड़ा बदलाब दिखा है. दिल्ली सरकार के स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के हिंदी पढ़ने में बड़ा सुधार हुआ है. अब इन तीन कक्षाओं के अधिकतर बच्चे धाराप्रवाह हिंदी पढ़ने व बोलने में सक्षम हो गए हैं.
बता दें, दिल्ली सरकार ने छठी से आठवीं कक्षाओं के छात्रों के लिए रीडिंग अभियान शुरू किया था. इस अभियान का लक्ष्य 14 नवंबर तक छात्रों को धाराप्रवाह हिंदी पढ़ने में सक्षम बनाना था. सरकार का कहना है कि अब छठी कक्षा में 46 फीसदी छात्र सही से कहानी पढ़ने में सक्षम हो गए हैं. वहीं, सातवीं में यह आंकड़ा 64 फीसदी और आठवीं में 68 फीसदी हो गया है.
दिल्ली सरकार की ओर से अभियान का रिजल्ट जारी किया गया. सरकार का कहना है कि अभियान शुरू करने से पहले छठी कक्षा में महज 25 फीसदी छात्र ही हिंदी की कहानी पढ़ पाते थे, जबकि अब यह आंकड़ा 46 फीसदी पहुंच गया है.
इस कक्षा के 32 फीसदी छात्र पहली कक्षा स्तर के एक आसान पैराग्राफ को भी नहीं पढ़ पाते थे. अब इनकी संख्या घटकर 14 फीसदी रह गई है. आठ फीसदी बच्चे अक्षर की पहचान नहीं कर पाते थे, लेकिन अब यह संख्या दो फीसदी है.
इसी तरह सातवीं में 52 फीसदी छात्र पढ़ पाते थे, लेकिन अब यह 64 फीसदी हो गया है. इस कक्षा के 24 फीसदी छात्र पहली कक्षा स्तर के आसान पैराग्राफ नहीं पढ़ पाते थे, लेकिन अब यह संख्या 10 फीसदी पर पहुंच गई है.
अक्षर की पहचान पांच फीसदी छात्र नहीं कर पाते थे, जो अब एक फीसदी हो गया. आठवीं कक्षा में 55 फीसदी छात्र ही कहानी पढ़ पाते थे, अब वह आंकड़ा 68 फीसदी हो गया है. आसान पैराग्राफ पढ़ने वाले छात्रों का आंकड़ा 20 फीसदी से घटकर आठ फीसदी पर पहुंच गया है. इस अभियान का नतीजा है कि एक लाख और बच्चे पढ़ना सीख गए हैं.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस अभियान को सफल बनाने में शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की. साथ ही कहा कि रविवार को लगाए गए रीडिंग मेलों ने भी अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई. उपमुख्यमंत्री का कहना है कि एमसीडी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं में इस अभियान को शुरू करने के लिए सरकार ने MCD से बातचीत शुरू कर दी है.