
नई दिल्ली: 20 नवंबर,2016 को कानपुर के पुखरायां में हुए ट्रेन हादसे को बिहार पुलिस ने आतंकी हमला बताया है। लेकिन उस रात हादसे में एक पिता ने अपने बेटे को गंवाया। माता और पिता को पुलिस की इस रिपोर्ट पर यक़ीन ही नहीं है। हादसे में गंभीर घायल हुए भोपाल के रहने वाले अरुण शर्मा ने कहा कि, उन्हें पुलिस की बात पर यकीन नहीं होता। वह हमला आतंकी तो नहीं था।
अरुण ने कहा कि मुझे अच्छी तरह याद है वह रात, उस रात ड्राइवर ने बहुत तेज़ी से ब्रेक लगाई और अचानक लगे ब्रेक की वजह से ही ट्रेन बेपटरी हो गई थी। बिहार पुलिस के खुलासे से मैं पूरी तरह से हैरान हूं। मैं कार्रवाई पर सवाल नहीं खड़े कर रहा, लेकिन यह बिल्कुल सच है कि मैं इस खुलासे पर भरोसा नहीं कर पा रहा हूं।
मुझे केवल इन सवालों के जवाब चाहिए...
अरुण ने बताया कि, उस रात ड्राइवर ने ट्रेन और पटरी के संबंध में कई बार रेलवे के अधिकारियों को लिखित में शिकायत की थी। उन शिकायतों पर किसी ने गौर क्यों नहीं किया? हादसे के वक्त हम सभी जाग रहे थे, हमें तो बस यही समझ में आया कि ड्राइवर ने बहुत जोर से ब्रेक लगाया था।
*अगर आईएसआई ने पटरी को पैसे देकर बम से उड़वाया था, तो फोरेंसिक जांच में यह बात सामने क्यों नहीं आई?
*सबकुछ आईएसआई ने ही करवाया है, तो रेलवे ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को क्यों पद से हटाया?
*वह हादसा नहीं प्लान था, तो क्यों बार-बार ट्रेन का ड्राइवर लिखित में गड़बड़ी की शिकायत क्यों कर रहा था?
*आईएसआई ने ब्रेक लगाकर ट्रेन उड़ाने की योजना बनाई थी या पटरी को बम से उड़ाने की, जिन लोगों को बिहार पुलिस ने पकड़ा है, क्या वे सही बोल रहे हैं? इसकी जांच कौन करेगा?
इलाज का वादा नहीं निभा पाई सरकार
अरुण का कहना है कि यह सच है कि सरकार हादसे/आतंकी प्लान के कारणों की जड़ तक पहुंचना चाहती हैं। लेकिन, उस हादसे से जुड़े लोग इसके बारे में कुछ अलग ही राय रखते हैं। हादसे के बाद सरकार ने घायलों के इलाज की ग्यारंटी ली थी, लेकिन ऐसा कुछ होता दिखा नहीं। मुझसे मिलने और इलाज के बारे में जानकारी लेने के लिए कलेक्टोरेट से कुछ लोग आए थे। मैंने और मेरे परिवार ने उन्हें पूरी जानकारी दी। उसके बाद वे कभी लौटकर मेरा हालचाल लेने या इलाज के बारे में पूछने नहीं आए। गौरतलब है कि, ट्रेन हादसे में खजूरी कला रोड, गोपाल नगर निवासी घायल अरुण शर्मा के छोटे बेटे की मौत हो गई थी। वहीं अरुण, उनकी पत्नी और बड़े बेटे को गंभीर चोट आई थी।
बिहार पुलिस ने क्या कहा था?
बिहार पुलिस ने खुलासा किया कि, 20 नवंबर,2016 को कानपुर के पुखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना हादसा नहीं, बल्कि आतंकी वारदात थी। 150 से ज्यादा मौतों की वजह बनी, इस घटना की साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी। मास्टरमाइंड था दुबई में बैठा आईएसआई एजेंट नेपाली कारोबारी शम्शुल होदा।