नई दिल्ली : सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार के इस फैसले के असर से लोगों की परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है। देश की उच्च अदालत ने कहा अगर हम हाईकोर्ट के दरवाजे लोगों के लिए बंद कर देंगे तो समस्या की गंभीरता का पता कैसे चलेगा? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पिछली बार आपने कहा था कि लोगों को जल्दी राहत मिलेगी, लेकिन आपने नोट बदलवाने की लिमिट घटाकर 2000 रुपए कर दी। आखिर परेशानी क्या है?"
इसके जवाब में सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, 'छपने के बाद नोटों को देश के कई हिस्सों में भेजना पड़ता है। एटीएम में भी बदलाव किए जा रहे हैं। पैसे की कोई दिक्कत नहीं है।'
रोहतगी और कपिल सिब्बल के बीच हुई बहस
सुप्रीम कोर्ट में सरकार के वकील मुकुल रोहतगी और कपिल सिब्बल के बीच तीखी बहस भी हुई। रोहतगी ने कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल से कहा, "कोर्ट में मामले को राजनीति क रंग दिया जा रहा है। मैंने आपकी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी थी। आप कोर्ट में किसी पॉलिटिकल पार्टी की तरफ से नहीं, बल्कि एक वकील के नाते अपीयर हुए हैं। आपने सुप्रीम कोर्ट को एक पॉलिटिकल प्लेटफॉर्म बना दिया है।"
इसके जवाब में सिब्बल ने कहा, "दिक्कत नोटों के छपवाने में है। 23 लाख करोड़ नोट छापने की जरूरत है, लेकिन उनके पास इतनी कैपेसिटी ही नहीं है।" सिब्बल ने कहा "उन्होंने 14 हजार करोड़ फ्रीज करवा दिए और ये भी नहीं बता पा रहे कि किस कानून के चलते ऐसा किया। ये कैसा मामला है जिसमें लोग अपने पैसे ही नहीं निकाल पा रहे।