मै स्कूल जा रहा हूँ। मै स्कूल जा रहा हूँ। कभी जनगण कभी वन्देमातरम गा रहा हूँ। स्वच्छता का संदेश देते क्रम से जा रहा हूँ। मै स्कूल जा रहा हूँ। मै------- अनुशासन व नैतिकता का पाठ
"कौन यहाँ बलिदानी है" सन सन्तावन से सैतालीस तक, प्राणो की आहुति दे दी, बिखरी पड़ी लाशे व; लहु से तरबतर राजधानी है। कौन यहाँ बलिदानी है। किसी को गोली लगी तो, कोई तो
राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम भारतवासी शान से मनाते हैं।अनेकता में एकता का प्रतीक,हम मिलकर ही सब सिखाते हैं।।राष्ट्रीय एकता दिवस पर्व को,हम आन और शान से मनाते हैं।भाषाएं हो भले अनेक हमारी,राष्ट्रगान
ये देश हमारी जान है, ईमान है।आन बान और शान है, अभिमान है।।स्वभाव है इसके अलग- अलग, शान है।हमें वतन पे मर मिटना है, अभिमान है।।तरह तरह के फूल खिले हैं, चमन एक है।अनेकता में एकता सिखाता, भाषाएं अनेक है।
ऐ वीरों लड़ाई के बाद,कैसे करूं तेरा शुक्रिया,हर उस क्षण का शुक्रिया,जो तूने सौंप दिया देश को,हर एक स्वांस का शुक्रिया,जो तूने दिया देश को,थामा है तुमने,एक दूजे का हाथ,हाथ को थामने का शुक्रिया,जो एकता
आकाश से परे एक दुनिया,सजाया देश की बेटियों ने।शेरनियों की भांति गर्जना की,मान बढ़ाया देश की बेटियों ने।।धरती का कलेजा फटा होगा,रोते हुए खुशी से झूमता होगा।आंसूओं से गला रूंधा होगा,रोते हुए गले लगाया त
न पूछो क्या पहचान हमारी है,आजाद भारत देश की कहानी है।शान तिरंगा ये जान हमारी है,तिरंगे की यह शान पुरानी है।।आजाद वतन के हम बाशिंदे,भाषाएं भले ही हमारी अनेक।अनेकता में एकता हमारी जान,तिरंगा ही हमारी शा
वीरों से बढ़कर वीर व्रती, वह सिंह रूप बन आया l मेवाड़ वीर अद्भुत विराट, रिपुदमन सिंह कहलाया ll सिंहनाद कर उठा बजी रणभेरी युद्ध समर में l तलवारों की खनक बीच, नभ चपला रहे भंवर में ll कण-कण में रहा प्रताप
🌷🌷🌷🌷मेरी दुआओं में इतना असर हो.........तुम खुश रहो हमेशा चाहे इस जहां में........................ हम रहे ना रहे पर तेरी खुशियों की दुआ जरूर करेंगे................!!!!🥀❤️🍁🍁🍁🍁🍁🍁🌹🌹सुन जरा ए
दीवाना अब मै दीवाना हो गयाइस दुनिया को त्याग सब कुछ त्यागाअब तो ये बस ख्वाबों का दीवाना हो गयादेख कर सारा खामयाजा कुछ हो गयाबस हो चूका अब ये "राहुल दीवाना" हो गयासांसों में छिपाकर यादों में लाकरबीते ल
कही भी मै रहू बसमुझे तेरा मुखड़ा नजर अाता हैसोचु मै क्या बसइसे सोचने से होता है क्याजहा कही भी रहू बसतेरी याद मुझे बुलाती हैजब भी तुम्हे सोचु बस तेरा चेहरा सामने आ जाता हैकही पर भी मै चलु बसतेरी य
नौकरीदो दिलों को पागल कर दिया ये प्रदेश की नौकरी वोह भी उधर पागल हुई मैं भी इधर पागल हुआ !!!घर के लोगों के हर बात के ताने उसे यूँ ही पागल कर दिया प्रदेश की ये नौकरी मुझे यूँ ही कुछ कहने लगी
भूले भूले हम भूले भूल चुके है जगभूले मगर पराये भूले भूल चुके है हम अपनेइन पैसे मोह माया ने भुला
गम क्या कुछ गम हैजो अब तक छुपाये बैठे होकह दो न इनमे,क्यों मुस्कराये से तुम बैठे होशायद अब यह चाहमेरी अब यह पसंद बन गयी हैकवि न होते हुए , अब मै कविवर बन गया हुक्या है दिल में,दिल से यही एक आवाज
एक -तमाशादुनिया एक तमाशा हैये आशा और निराशा हैरंगीन खूब है लेकिनकोई गाढ़ा कोई हल्कादुनिया एक तमाशा हैफूल तो यहा
जिन्दगी को पतंग न बनने दोजिन्दगी को पतंग न बनने दो ,डोर किसी और को थमानी पडेगी।खुले आसमान में उड़ाने की ख़्वाहिश,किसी और के दिल में जगानी पड़ेगी।।होंगे हजारों काटने को बेताब ,खेल बनकर रह जाएगी जिन्दगी।एक
छोटी- ज़िन्दगीछोटी सी है ज़िन्दगीइसमें कोई नया मिल जाता हैफिर कुछ सुरु होता हैहोते होते ये क्या होता हैकी कोई&nb
स्वभावमेरा स्वभाव मेरी किताबों से पूछोदिल दर्द मेरा किताबों से पूछोहाल बेहाल मेरा कविता से पूछोपूछो जरा दर्द क्या होता हैजानो जरा बेहाल क्या होता हैसोचो जरा लगाव क्या होता हैजिसने किया नहीं मोहब्बत मे
रुक्खरुक्ख मोड़ लेती है ये ज़िंदगीमुख मोड़ लेती है ये ज़िन्दगीतभी हर कोई सिख लेता है ज़िंदगोदर दर पर बदलती&nbs
आंखे मेरीखुली है आंखे मेरीआईना तलाश न करमेरे भी शिवा कोई आशना तलाश न करसितारे तोड़ने हो तो बुलंदियां तय करजमी पर जाने वफ़ा आशमा तलाश न करकही पड़ न जाए तेरा खुद वजूद खतरे मेंमुझे जलने को तू बिजलियाँ