राहुल हर दिन की तरह अपने काम पर जाने के लिए अपने घर से निकलता है, जैसे ही राहुल जाने के लिए हमेशा के रास्ते पर पाव रखता ता है, उसके सामने से अचानक एक काली बिल्ली गुजरती है, उसका रास्ता काट देती
कहतें है दिल्ली दिल वालों का शहर है, अब रमन भी दिलवालों के शहर पहोच गया था देखतें है, रमन का स्वागत दिल्ली शहर कैसा करता है, क्या रमन को दिल्ली रास आयेगी या उसका दिल देहला देगी! दिल्ली के प्लेटफॉर्म
रह जाता कोई मोल नहींजब जीवन की आपाधापी सेटूट चुका हो मानव मनफिर आशा की किरणों कारह जाता कोई मोल नहीं।जब मन तानों से आहत होदिल भी छलनी हो जाएफिर मधुर प्रिय वचनों कारह जाता कोई मोल नहीं।जब सुख-सुविधाओं का खान होपर काया रोगों से घिरा होफिर पास पड़े धन दौलत कारह जाता कोई मोल नहीं।जब धरती तपती हो कड़ी धूप