शिमलाः ताली ठोंककर हाथ फैलाकर मांगने वाले किन्नरों के दिन बहुरने वाले हैं। हिमांचल प्रदेश सरकार ने थर्ड जेंडर के पेंशन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसी के साथ हिमांचल प्रदेश देश का तीसरा राज्य हो गाया है। यह पहल सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर हुई है, जिसमें थर्ड जेंडर को पेंशन दिए जाने की बात कही है। सूबे में एक आंकड़े के मुताबिक करीब तीन हजार किन्नर हैं। हालांकि अभी पेंशन की धनराशि तय नहीं हुई है।
मेडिकल परीक्षण के बाद मिलेगी पेंशन
हिमांचल प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक पेंशन के लिए थर्ड जेंडर को आवेदन करना होगा। जिसके बाद मेडिकल बोर्ड शारीरिक परीक्षण कर थर्ड जेंटर का अगर सर्टिफिकेट जारी करेगा तभी पेंशन मिल सकेगी। राज्य और जिला स्तर पर मेडिकल बोर्ड गठित करने की कवायद शुरू हो गई है। यह पेंशन सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की ओर से प्रदान होगी।
किन्नरों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद
पेंशन देने पीछे मकसद है कि सामाजिक रूप से उपेक्षित किन्नरों को कुछ हद तक आत्मनिर्भर बना दिया जाए। आमतौर पर देखा जाता है कि सरकारें हर वर्ग के लिए काम करतीं हैं मगर किन्नरों के बारे में नहीं सोचतीं। पेंशन मिलने से कुछ हद तक किन्नरों की आर्थिक मदद हो सकेगी। जिससे उन्हें हाथ फैलाकर बस या ट्रेन में पैसे मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।