दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार और अपने समर्थकों में थलाइवा के नाम से मशहूर रजनीकांत ने सितंबर 2017 में एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट के जरिए उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन किया था. इसने चैन्नई में कई सुगबुगाहटों को जन्म दिया था. इसके दो महीने बाद तमिल अखबार डेली तांती के 75 साल पूरे होने के अवसर पर नरेंद्र मोदी का चैन्नई जाना हुआ. यहां उनकी रजनीकांत के साथ दस मिनट की मुलाकात हुई. इसके बाद यह अटकलें तेज हो गई कि थलाइवा शायद बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. लेकिन साल 2017 के अंतिम दिन ये सारी अटकलें उस वक्त थम गईं, जब अपने समर्थकों और प्रशंसकों के बीच मौजूद रजनीकांत ने घोषणा की कि वो अपनी खुद की पार्टी बनाएंगे और आने वाले तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
31 दिसंबर को जब पूरा देश 2017 को विदाई देने की तैयारी कर रहा था, रजनीकांत अपने फैन्स के साथ चैन्नई केश्री राघवेंद्र कल्याण मंडपम में मौजूद थे. अपने फैंस के बीच ‘थलाइवा’ ने ऐलान किया कि वह राजनीति में एंट्री ले रहे हैं. रजनीकांत ने कहा-
‘मैं राजनीति में आ रहा हूं. राजनीति में आना वक्त की ज़रूरत है. तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव का वक्त आ गया है. अगले चुनावों में मैं एक पार्टी बनाऊंगा और तमिलनाडु की सभी सीटों पर चुनाव लड़ूंगा’.
हजारों की संख्या में मौजूद लोगों के बीच रजनीकांत ने कहा-
‘ मैं यहां नाम, शोहरत या पैसे के लिए नहीं आ रहा हूं. मैंने तमिलनाडु के लोगों से इसे हासिल किया है. लोकतंत्र अभी बुरी स्थिति में है. दूसरे राज्यों के लोग हमारा मजाक बनाते हैं.लोकतंत्र के नाम पर नेता हमारा पैसा हमारी ही जमीन पर लूट रहे हैं. हम इसमें बदलाव लाएंगे. आनेवाले चुनाव में मेरी सेना मौजूद होगी.’
थलाइवा ने नई पार्टी बनाने के साथ ही अपनी सियासी पारी की समयसीमा भी तय कर दी है. अपने फैंस से उन्होंने कहा है कि अगर वो लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके तो तीन साल में ही राजनीति से संन्यास ले लेंगे. उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक का उदाहरण देते हुए कहा कि इंसान को कर्म करना चाहिए और फल की चिंता ईश्वर पर छोड़ देनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी का मार्गदर्शक नारा होगा, ‘अच्छा करो, अच्छा बोलो और केवल अच्छा होगा’
रजनीकांत के राजनीति में एंट्री को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा-
रजनीकांत का राजनीति में आना केवल मीडिया हाइप है और कुछ भी नहीं. तमिलनाडु के लोग समझदार हैं.
वहीं दक्षिण भारत के एक और सुपर स्टार और राजनीति में सक्रिय हो चुके कमल हासन ने कहा-
‘मैं अपने भाई रजनी को राजनीति में आने की बधाई देता हूं. उनका स्वागत है.’
इससे पहले भी जब कमल हासन ने राजनीति में सक्रियता बढ़ाई थी, तो कहा था-
‘अगर रजनीकांत राजनीति में आते हैं, तो मैं उनके साथ काम करना चाहूंगा. प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद हम दोनों हमेशा से ही अपने पेशे से जुड़े मुद्दों पर बात करते हैं. वो राजनीति में आते हैं तो हम दोनों को राजनीतिक विषयों पर बात करने में कोई परेशानी नहीं होगी.
अब जब दक्षिण भारत के दो सुपर स्टार सक्रिय राजनीति में कदम रख चुके हैं, तो ऐसे में तमिलनाडु का आने वाला चुनाव बेहद ही दिलचस्प होने जा रहा है. दक्षिण भारत की राजनीति के बारे में अक्सर कहा जाता है कि नायक पूजा यहां की बुनियादी तासीर है. यहां के नेता ‘लार्जर देन लाइफ’ वाली छवि के होते हैं. MGR, करूणानिधि, जयललिता, जानकी, वाई.एस. राजशेखर रेड्डी जैसे नेताओं की पूरी कतार है जिनकी जनता में छवि मसीहा वाली रही है. रजनीकांत ने तमिलों के बीच में लोकप्रियता के नए पैमाने गढ़े हैं. कमल हासन भी कुछ ऐसा ही कर गए हैं. ऐसे में अगर दोनों ही मिल जाते हैं, तो वो MGR के इतिहास को दोहराने की क्षमता रखते हैं.
यह लेख लल्लनटॉप के अविनाश द्वारा लिखा गया है