14 मई 2015
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नाचीज़ हर्ष महाजन, इसी नाम से अपनी रचनाओं को कहता / लिखता हूँ | तखल्लुस “हर्ष”, मगर बहुत मर्तबा मेरे पाठकों का मन कि इसे तखल्लुस बदल डालूँ मगर मन साथ नहीं देता | मेरे बारे में जियादा कुछ नहीं, बस दिल्ली से ताल्लुक रखता हूँ | जन्म १५ अगस्त १९५५. तालीम दिल्ली से हुई | कामर्स में पोस्ट ग्रेजुएट (एम्.काम) हूँ | बचपन से लिखने /कहने का शौकीन रहा हूँ | दोस्तों को, उनके आग्रह पर पुराने गानों पर पैरोडी बनाकर सुनाना आम सी बात थी, जिसके चलते उन्होंने मुझे मेरी लेखनी से परिचय करवाया | आज ग़ज़ल-प्रेम मेरी रगों में समाहित है | अपनी काव्य रचनाओं में, कल्पना से दूर, जीवन का सच ही उगलता आया हूँ | ग़ज़ल कहते वक़्त मैंने सदा अपने अहसासों को ही सर्वोप्रिय माना है | ग़ज़ल-दोष ठीक करने हेतु, अगर अहसास का (जो मैं कहना चाहता हूँ) मतलब बदलता है तो भी, मैंने कभी समझौता नहीं किया | लेकिन मेरी सभी ग़ज़लें एक आम इंसान भी गुनगुना ज़रूर सकता है | मेरी रचनाओं की भाषा में मूलत: शालीनता, उदासी-पन, दर्द और आशिकाना मिजाज की झलक अक्सर दिखाई देती है | अगर जुबां की बात करूँ तो, मेरी ज़मीन कभी उर्दू की नही रही और न ही उर्दू की कोई पाठशाला में गया हूँ | मेरी बुनियादी तालीम हिन्दी और अंग्रेजी में ही हुई है और सच कहूँ तो मुझे उर्दू की कोई गहन/खास तमीज़-ओ-तहजीब नहीं है बस न जाने क्यूँ इस भाषा से मैं जूनून की हद तक मुहब्बत करता हूँ ..उर्दू का अदब आशना हूँ ।. घर में मेरे पिता की उर्दू जुबान से निकले शब्द और उनकी मिठास दिल को छू जाती थी, शायद यही वजह रही इस भाषा की ओर झुकाव का | हो सकता है मेरी इस कोशिश में मेरी रचनाओं में इसके तलफ़्फ़ुज़ में कुछ ग़लतियाँ भी नज़र आयें अपने पाठक गण से मेरी गुज़ारिश है कि उसे नज़र अन्दाज़ कर मुझे आगाह कर दें तो मै उनका आभारी रहूँगा | जब ये ब्लाग शुरू किया था उसके बाद बहुत कुछ बदल चुका है परिचय में कुछ नए मुकाम जुड़े हैं सो इसे अपडेट कर हिन्दी भाषा में लिखना मुनासिब समझा | हर विदा में मेरी कलम ने मेरा साथ दिया है, न जाने कितनी कवितायें, ग़ज़ल गीत, नज़्म, छंद, कहानियां, लघु कथाएँ, पट-कथाएँ और अंग्रजी पोएट्री को इस कलम ने जन्म दिया है | पत्र-पत्रिकाओं से शुरू हुआ सफ़र न जाने कितने ही साझा संकलनों और अपने काव्य संग्रहों, काव्य मंचों, काव्य गोष्ठियों आदि से गुज़रता हुआ इस ब्लॉग के रूप में आपके सामने प्रस्तुत हूँ | साँझा काव्य संकलन और अपने काव्य संग्रहों की पुस्तकों के बारे में में अलग से एक पेज देने की कोशिश करूंगा | साँझा काव्य संकलन (1) सृज़न के पथ पर १९९५ –प्रकाशक , दृष्टीकोण , मंडोली नन्द नगरी दिल्ली | (2) धुप ओसारे चढ़ी १९९६ –प्रकाशक ,स्टेट बैंक सहियक मंच, द्वारा राजभाषा अनुभाग दिल्ली आंचलिक कार्यालय | प्रकाशक – जे एम् डी पब्लिकेशन, न्यू महावीर नगर , नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित पुस्तकें :- (3) खुशबुओं का शहर २००३ (4) एकता की आवाज़ १९९९ (5) शायरों की महफ़िल २००१ (6) काव्य गरिमा २००२ (७) एकता की मिसाल २००४ (8) काव्य गौरव २००६ मेरा अपना काव्य संग्रह (1) दास्तान-ए-ज़िंदगी - प्रकाशक – जे एम् डी पब्लिकेशन, न्यू महावीर नगर , नई दिल्ली | और दूसरा काव्य संग्रह तैयार होने के कगार पर है जल्द ही प्रकाशित होगा | और बहुत सी अप्रकाशित पट-कथाएँ जिनका उल्लेख करते हुए प्रष्टो की तादाद बढाने जैसा होगा | _________________________ D
इक वो आवाज मेरे दिल से टकराती रही , दर्द सीने में था पर मुझसे जताई न गई ,बहुत अच्छे | बधाई |
14 मई 2015
हर्ष जी, बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल लिखी है आपने....बेहतरीन! 'शब्दनगरी से जुड़कर कैसा महसूस कर रहे है, ज़रूर लिखिएगा...धन्यवाद !
14 मई 2015
आपकी आमद औऱ उस पर आपकी होंसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया । इस बज़्म को यूँ ही रौशन करते रहिए आदरणीय।💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐