देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमे उन्होंने 240 करोड़ से ज्यादा के एनएच -74 घोटाले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में में किसी को नही बख्शा नही जायेगा। सीबीआई इसकी जाँच करेगी और इस मामले 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारियों के अलावा एसडीएम और डिप्टी कलेक्टरों की मिलीभगत सामने आयी थी।
खबरों की माने तो नेशनल हाईवे के भूमि अधिग्रहण घोटाला तकरीबन 300 करोड़ से ज्यादा का है। कुमाऊं कमिश्नर डी. सेंथिल पांडियन की ओर से शासन को सौंपी गई तथ्यात्मक रिपोर्ट में यह बात साफ हुई है।
कैसे हुआ घोटाला
एनएच - 74 में हुए इस घोटाले में ऊधमसिंह नगर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-74 के चौड़ीकरण के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में बड़ा घोटाला पकड़ा था। कुछ दलालों से मिलीभगत कर चौड़ीकरण के लिए आवश्यक कृषि भूमि को खरीदा गया।
इसके बाद कागजों में हेरफेर करके गैर कृषि में परिवर्तित करके करीब आठ से दस गुना ज्यादा मुआवजा ले लिया। कमिश्नर ने इस मामले की प्राथमिक जांच की तो पता चला कि वर्ष 2011 से 2014 के बीच यहां तैनात रहे करीब दस अधिकारियों ने इस घपले को अंजाम दिया।