हमने खोया सितारों को ,
वादी ए कश्मीर के प्यारो को,
रातों रात भगाया उन बैचारो को
जन्नत में एक धर्म भारी पड़ गया ।
घाटी में पंडितो का परिवार उजड़ गया।
चारो और खून खराबे का मंजर था ।
क्या महिला , क्या बच्चे और क्या जवान
सभी के सीने पर गोली या खंजर था।
देश वासियों आओ , कुछ हिम्मत बढ़ाओ,
विस्थापितो के दर्द के भागीदार बन जाओ
वापस वादी में पंडितो को बसाओ
अखंड भारत का सपना साकार होगा
पंडितो का अपना आंगन परिवार होगा
अपनी जमीन घर पर अधिकार होगा ।
महकेगी वापस केसर कश्मीर में
सुख ,शांति और एकता का प्रसार होगा ।
जय हिंद ,
पवन कुमार शर्मा
कवि कौटिल्य