आओ गिरधर गोपाल मुरलीधर नंद लाल
तुम्हारी याद आई है । तुम्हारी याद आई है ।
तरस गए नयन दरस को एक आस लगाई है आओ गिरधर गोपाल मुरलीधर नंद लाल
तुम्हारी याद आई है । तुम्हारी याद आई है
बहुत किया इंतजार तुम्हारा ,
कभी न छोड़ूं तेरा द्वारा,
तुमसे बना एक बार जो रिश्ता हमारा,
टूटे से न टूटे बंधन बीच हमारा ,
जग से में हारा , पर साथ हो तुम तो
लहर को भी मिल जाता किनारा ।
आओ गिरधर गोपाल मुरलीधर नंद लाल
तुम्हारी याद आई है । तुम्हारी याद आई है ।
जन्माष्टमी का पर्व आया बड़ा प्यारा
धूम धाम से मनाए , जन्म दिन तुम्हारा
क्या बरसाना , क्या गोकुल , क्या मथुरा
सारा जग मनाए जन्म दिन तुम्हारा
स्वागतम कृष्णा , शरणागतम कृष्णा
हाथी घोड़ा पालकी , जय कन्हैया लाल की
आओ गिरधर गोपाल मुरलीधर नंद लाल
तुम्हारी याद आई है । तुम्हारी याद आई है ।
पवन कुमार शर्मा
कवि कौटिल्य