अन्नकूट का महत्व
दीवाली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है ।
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को छप्पन भोग अर्पित किया जाता है ।
गोवर्धन पूजा का महत्व और बढ़ जाता है
गोवंश की पूजा कर चौपायो को सजाया जाता है ।
कहानी हजारों साल पुरानी वेद पुराणों से आती है ।
ब्रज की हाल बताती है ।
सभी लोग खुशहाल ,रहते थे मस्त हाल
परंतु एक बार इंद्रदेव को आया अभिमान
एक बार बहुत बारिश करवाई
जलमग्न हो गया सारा बृज,
यमुना में बाढ़ आई
फसल हुई तबाह , गौवंश के चारा नही था
बृजवासी भी हुए परेशान
सभी पहुंचे मुरलीधर के पास
हे मुरली धर बचाओ हमे ,
वरना कोई नही बच पाएगा
एक एक कर इंद्र के प्रकोप से बृज का बच्चा बच्चा मारा जायेगा ।
पूरा बृज नष्ट हो जायेगा ।
भगवान वासुदेव ने बृज को बचाने के लिए किया चमत्कार ,
गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ उंगली से उठाया । सभी बृजवासी को बचाया
इंद्रदेव का अभिमान हुआ चूर , बारिश हुई बंद , सभी थे प्रसन्न ,
तभी से गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट का भोग लगाते है ।
यही हमारे हिंदू सभ्यता संस्कृति का त्यौहार है जो हर भारतवासी मानते है ।
प्रत्येक वर्ष गोवर्धन पूजा कर भगवान को अन्नकुट का भोग लगाते है ।
पवन कुमार शर्मा
कवि कौटिल्य
चित्तौड़गढ़ राजस्थान
7746902462