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विनीता गुप्ता के बारे में

मैं श्रीमती विनीता गुप्ता झाँसी उ. प्र. से हूँ। मैं कोई लेखका,कवियत्री या रचनाकार नहीं हूँ। जिंदगी का सच या संघर्ष,जो मेरे मानसिक पटल पर उतरा है उन्हीं स्थितियों या घटनाओं को अपने भावों में पिरोकर आप तक पहुंचाने कि एक छोटी सी कोशिश है। आप सभी कि आलोचना या सराहना दोनों ही हमारे लिये कोई भी रचना लिखने के लिये सुधार या उत्साह वर्धन का मार्गदर्शन करेगी।

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मन के भावों का सजीव निर्जीव चित्रण। कहानी के माध्यम से उनका वर्णन।

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विनीता गुप्ता के लेख

पूनम का चाँद

10 अक्टूबर 2021
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1

यूँ तो निशा मन वचन और कर्म की पूजा में ही विश्वास करती थी।।पर भगवान की भक्ति भी में भी उसकी विशेष रू

***वो प्यार ***

9 अक्टूबर 2021
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नंदनी रोज की तरह आज भी सुबह 5 बजे उठी थी। अपने करकमलों के दर्शन और धरती माँ को प्रणाम करते हुए सभी द

झूलती मौत

9 अक्टूबर 2021
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ये जीवन जन्म की ही नहीं,<div>मृत्यु की भी रेखा है।</div><div>हर किसी ने यहाँ,</div><div>झूलती मौत को

***नृत्याँगना ***

9 अक्टूबर 2021
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कहानी का विषय "नृत्याँगना "पढ़ते ही गरिमा के अंदर से आवाज आई...इस विषय पऱ आज फिर कुछ नहीं लिखा जा....

***अनजाना डर ***

9 अक्टूबर 2021
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जून की तपती दोपहरी में श्यामा अपने घर लंच लेने आया करती थी। वैसे तो श्यामा दफ्तर में ही लंच करती थी।

खेल का किस्सा

6 अक्टूबर 2021
1
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<div align="left"><p dir="ltr">ओलम्पिक शब्द पढ़ते या सुनते ही मन खेल की एक अच्छी भावना से ओत प्रोत हो

ग्रहों की महादशा

6 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">जय श्री कृष्णा 🌹<br> &nbsp

**वटवृक्ष **

5 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">"वसुधैव कुटुंबकम "की परम्परा को चलाने की इच्छा रखने वाली मीरा की सोच

**मेरा घर **

5 अक्टूबर 2021
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1

<div align="left"><p dir="ltr">काव्या के मन में" मेरा घर "को लेकर कई विचार आ जा रहे थे। किसको "अपना

टिमतिमाते सपने

5 अक्टूबर 2021
1
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<p>पोती बोली दादी मेरे कुछ,<br> टिमटिमाते सपने हैं।<br> छूना मुझको चाँद सितारे,<br> जो लगते मुझे अपन

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