shabd-logo

***नृत्याँगना ***

9 अक्टूबर 2021

26 बार देखा गया 26
कहानी का विषय "नृत्याँगना "पढ़ते ही गरिमा के अंदर से आवाज आई...इस विषय पऱ आज फिर कुछ नहीं लिखा जा.....। अभी वाक्य  पूरा भी नहीं हुआ था कि जग की सबसे बड़ी नृत्याँगना माँ दुर्गा की मूर्ति उसकी आँखों के आगे नाच गईं। सारा संसार जिनके इशारों पऱ नाचता है उनका ख्याल आते ही गरिमा का सिर श्रद्धा से शत शत नमन के लिये उनके आगे झुक गया ।
सौभाग्य कि बात ये थी कि आज से ही गुप्त नवरात्रि का पर्व शुरू था।साथ ही आज गरिमा कि शादी को पूरे बत्तीस वर्ष हो गए थे।अतः भरपूर ऊर्जा से ओत प्रोत होकर आज वह माँ दुर्गा का  आर्शीवाद भी लेना चाहती थी। चूंकि उसका विश्वास मन वचन और कर्म की पूजा में ज्यादा था अतः उसने सबसे पहले अपने बगीचे में जाकर सारे पेड़ पौधोंके अगल बगल का कूड़ा करकट साफ कर उन्हें अच्छे से नहलाया, पक्षियों को दाना डाला, साथ ही योगा प्रणायाम करते करते झूमते लहराते पेड़ पौधों से ढेरों बातें की।
उसे लग रहा था जैसे वो सब आज बहुत खुश हैं और कह रहे हैं बहुत दिनों बाद आज अच्छे से नहाया है तो तन और मन दोनों हल्का हो गया । पेड़ पौधों को मुस्कराता हुआ देख गरिमा भी मन ही मन मुस्करा उठी थी तथा ऊर्जावान महसूस करने लगी।
साथ ही यह बजी सोचती जा रही थी...इसमें उसका क्या है?आज जो कुछभी वो कर रही है उन्हीं के वजह से ही तो कर  पा रही है। वरना दुनिया ने उसकी सरलता सहजता,सच्चाई को उसकी बेबकूफी मानकर जो नाच नचाया था कि  जीवन पर्यन्त वो उसे चाहकर भी नहीं भूल सकती। उस नाच ने उसे कमजोर,असहाय,और मजबूर कर किसी गड्ढे में गिरा दिया था। तब शायद इसी शक्ति ने अपना सहारा देकर उसे बाहर निकाला था और गले लगा लिया था।तब से वो दुनिया को छोड़ सिर्फ इनके इशारों पऱ नाचने लगी थी।मगर  सृष्टि की नृत्याँगना द्वारा द्वारा नचाये गए नाच में उसे भरपूर आनंद आ रहा था।उसेआत्मसम्मान से जीना आ गया था।उसका मनोबल बढ़ रहा था तथा पूरी तरह से अपने आपको सुरक्षित व ऊर्जावान महसूस कर रही थी।
थोड़ी ही ढेर में गरिमा वहाँ से उठी और अपनी दैनिक दिनचर्या निपटाकर, नहाधोकर पूजा कक्ष में आ गईं।सबसे पहले माँ दुर्गा की फोटो  पऱ जल छिड़कर गुलाबी रंग की चुनरी उड़ाई,बगीचे से तोड़कर लाये गए कुछ रंग बिरंगे पुष्पों से उनका श्रृंगार किया,माँ द्वारा बनाई गईं प्रसाद स्वरूप खीर का भोग लगाया। दिया और धूपबत्ती से मंदिर को सुगंधित व प्रकाशमय किया। फिर आँख बंद कर देवी जी का ध्यान कर ढोलक मजीरा के साथ आरती भजन कीर्तन कर थोड़ा सा नृत्य किया और हाथ जोड़कर आर्शीवाद के तहत अपना सिर उनके चरणों में रख दिया।
माँ का आर्शीवाद पाकर आज वो बहुत खुश नज़र आ रही थी। वो अपने चेहरे पऱ तेज, आँखों में चमक, शरीर में शक्ति और मन में भक्ति महसूस कर रही थी।इससे बड़ा आर्शीवाद और क्या हो सकता?ये सोचकर  गरिमा सृष्टि की नृत्याँगना के सामने मुस्कुराती हुई हमेशा नाचनेके लिये दण्डवत ख़डी थी।
@vineetakrishna


विनीता गुप्ता की अन्य किताबें

Ranjeeta Dhyani

Ranjeeta Dhyani

शानदार👏👏

9 अक्टूबर 2021

18
रचनाएँ
मनमीत
5.0
मन के भावों का सजीव निर्जीव चित्रण। कहानी के माध्यम से उनका वर्णन।
1

*** अवनि क़ी दुनिया ***

2 अक्टूबर 2021
2
5
0

<div align="center"><div align="center"><p dir="ltr"><span style="font-size: 1em;">ऑफिस से लौटी मम्म

2

*** अलविदा पापा ***

2 अक्टूबर 2021
2
4
1

<div align="left"><p dir="ltr">बाहर मेहमानों, मित्रों और परिचितों की भीड़ हजारों की संख्या में एकत्रि

3

💫खोजीपन 💫

3 अक्टूबर 2021
1
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">"खोजी " शब्द ज्यादातर उन बच्चों पर प्रयोग किया जाता है। जो बहुत शैतान

4

***पृथ्वी और आकाश ***

4 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">पृथ्वी और आकाश दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों की दोस्ती कब प्

5

***छुटकी के दाने दादाजी चले मिटाने ***

4 अक्टूबर 2021
2
0
1

<div align="left"><p dir="ltr"><br><br><br><br></p> <p dir="ltr">बात यहां से शुरू होती है एक ब

6

दोस्ती कृष्णा कावेरी की

4 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">कृष्णा और कावेरी बचपन से ही साथ साथ खेले पढ़े और बड़े हुए थे। दोनों के

7

**तेइस नंबर **

4 अक्टूबर 2021
1
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">बात उन दिनों की है ज़ब अलका कॉलेज में बीएससी फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी।

8

***भूतिया ट्रैन ***

4 अक्टूबर 2021
1
2
0

<div align="left"><p dir="ltr">मोबाइल में बजती अलार्म की घंटी ने शिखा को जगा दिया था। शिखा का नियम थ

9

**सीख देता चिड़िया का घोंसला **

4 अक्टूबर 2021
2
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">अंजलि का घर बहुत बड़ा होने की वजह से अक्सर ही उसके घर में कभी आगे की त

10

***शुभ चिंतक ***

4 अक्टूबर 2021
2
3
1

<div align="left"><p dir="ltr">हीर तेज कदमों से अम्बिका के पास आई और बोली मैम आपको एक जरूरी बात बतान

11

**मेरा घर **

5 अक्टूबर 2021
3
3
1

<div align="left"><p dir="ltr">काव्या के मन में" मेरा घर "को लेकर कई विचार आ जा रहे थे। किसको "अपना

12

**वटवृक्ष **

5 अक्टूबर 2021
3
3
0

<div align="left"><p dir="ltr">"वसुधैव कुटुंबकम "की परम्परा को चलाने की इच्छा रखने वाली मीरा की सोच

13

ग्रहों की महादशा

6 अक्टूबर 2021
1
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">जय श्री कृष्णा 🌹<br> &nbsp

14

खेल का किस्सा

6 अक्टूबर 2021
0
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">ओलम्पिक शब्द पढ़ते या सुनते ही मन खेल की एक अच्छी भावना से ओत प्रोत हो

15

***अनजाना डर ***

9 अक्टूबर 2021
0
1
0

जून की तपती दोपहरी में श्यामा अपने घर लंच लेने आया करती थी। वैसे तो श्यामा दफ्तर में ही लंच करती थी।

16

***नृत्याँगना ***

9 अक्टूबर 2021
1
1
1

कहानी का विषय "नृत्याँगना "पढ़ते ही गरिमा के अंदर से आवाज आई...इस विषय पऱ आज फिर कुछ नहीं लिखा जा....

17

***वो प्यार ***

9 अक्टूबर 2021
0
0
0

नंदनी रोज की तरह आज भी सुबह 5 बजे उठी थी। अपने करकमलों के दर्शन और धरती माँ को प्रणाम करते हुए सभी द

18

पूनम का चाँद

10 अक्टूबर 2021
3
0
1

यूँ तो निशा मन वचन और कर्म की पूजा में ही विश्वास करती थी।।पर भगवान की भक्ति भी में भी उसकी विशेष रू

---

किताब पढ़िए