दिल्ली : EVM के प्रति जनता के लगातार घटते विश्वास का हवाला देते हुये 16 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मतपत्र से ही मतदान कराने का अनुरोध किया है. आयोग जल्द ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक आयोजित कर विस्तार से चर्चा करेगा.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, बसपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के नेताओं ने आज चुनाव आयोग से फिर से मतपत्रों से मतदान की व्यवस्था को लागू करने की मांग की है. EVM में छेड़डाड़ की घटनाओं के आरोपों के बीच विपक्षी दलों ने आज एकजुट होकर इसके खिलाफ साझा मुहिम शुरू करते हुये चुनाव आयोग से मतपत्रों के इस्तेमाल की पैरवी की.
इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बताया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को ईवीएम के प्रति अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा उठाये जाने के बाद से ही ईवीएम में गड़बड़ी या छेड़छाड़ की आशंका मात्र को भी सिरे से खारिज कर रहे आयोग ने सभी विपक्षी दलों की चिंता और शंका को दूर करने का भरोसा दिलाया है.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल द्रमुक नेता टी शिवा ने कहा कि आयोग ने जल्द ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक कर ईवीएम में गड़बड़ियों से जुड़ी शिकायतों पर विस्तार से विचार विमर्श करने का भरोसा दिलाया है. इस बीच देर शाम आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर चुनाव आयोग को अपना प्रतिवेदन सौंपा.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अगुवाई में पार्टी नेताओं ने दिल्ली के राज्य चुनाव आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में नगर निगम चुनाव में राजस्थान से मंगायी गयी ईवीएम से मतदान नहीं कराने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि निगम चुनाव के लिये आयोग ने 5 हजार बैलेट यूनिट और 8 हजार कंट्रोल यूनिट राजस्थान से मंगायी हैं. पहली पीढ़ी की इन मशीनों को चलन से बाहर बताते हुये सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में पहले से ही दूसरी पीढ़ी की मशीनें मौजूद होने के बावजूद राजस्थान से पुरानी मशीनें क्यों मंगायी जा रही हैं.