दिल्ली : नोएडा से 1 लाख वोटों से जीतने वाले गृहमंत्री के बेटे पंकज सिंह को लेकर हर कोई उम्मीद कर रहा था कि पंकज सिंह को कैबिनेट में मंत्री बनाया जाएगा. लेकिन ऐसा नही हुआ इस बात को लेकर बीजेपी के कई नेता हैरान है. आखिर ऐसा क्या हुआ जो उनको मंत्री बनाए जाने के नाम पर मुहर नहीं लग सकी?
योगी कैबिनेट ने संभाली यूपी की सत्ता रविवार को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ. जिसमें दो डिप्टी सीएम समेत 46 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. इतने भारी-भरकम मंत्रीमंडल में कई ऐसे विधायक हैं जो पहली बार विधानसभा चुनाव जीत कर आए और उन्हें नई सरकार में मंत्री बनाया गया.
क्या राजनाथ और मोदी के बीच सबकुछ ठीक नहीं?
नोएडा जैसी अहम सीट से एक लाख से ज्यादा वोटो से जीतने वाले पंकज सिंह को लेकर अब कई कयास लगाए जाने लगे है. क्यो कि शपथ ग्रहण से पहले उनके मंत्री बनाए जाने की चर्चा काफी तेज थी, लेकिन उन्हें मंत्री पद नहीं मिला. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसी वजह से पंकज सिंह का पत्ता मंत्री पद से कट गया.
जबकि पहली बार जीत कर आए श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह को योगी कैबिनेट में जगह दी गई है. श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. उनको मंत्री पद दिए जाने के पीछे यही मुख्य वजह मानी जा रही है. वहीं राजनाथ सर्मथक इस बात के लिए निश्चिंत था कि पंकज सिंह को नई सरकार में जगह मिलेगी.
राजनाथ खेमा खफा
पंकज सिंह को भले ही कैबिनेट में जगह नहीं मिली हो लेकिन बीजेपी के कई और वरिष्ठ नेताओं के करीबियों को जगह मिली है. इनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के बेटे गोपालजी टंडन और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह का नाम शामिल है. गोपाल जी टंडन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, वहीं संदीप सिंह को नई सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया है.
उम्मीद बाकी है
पंकज सिंह के पास यूपी में कैबिनेट मंत्री बनने का एक मौका और है. रविवार को योगी आदित्यहनाथ समेत 46 मंत्रियों ने शपथ ली है. जबकि यूपी में 60 मंत्रियों के लिए जगह है. जब अगले तीन चार महीनों के बाद कैबिनेट और मंत्रीमंडल का विस्तार होगा, तब पंकज सिंह को कैबिनेट या मंत्रीमंडल में जगह दी जा सकती है. जानकारों की मानें तो पंकज सिंह का कैबिनेट में जगह मिलना तय है. क्योकिं पढ़े लिखे नेता होने के साथ उनकी सोच और नोएडा जैसे शहर का विधायक होना भी उन्हें काफी खास बनाता है.