नई दिल्ली : यूपी के इलाहाबाद में जिस बाहुबली अतीक अहमद का नाम सुनते ही लोग थर्रा उठते थे आज उसी बाहुबली की सियासी जमीन जिले से खिसक गयी है. समाजवादी पार्टी से अपने भाई अशरफ को चुनाव लड़ाने के लिए अतीक अब प्रतापगढ़ जिले में उनके लिए ठिकाना खोज रहे हैं.
जिले में कोई सीट नहीं मिली बाहुबली को
सूत्रों के मुताबिक जिस इलाहाबाद में बाहुबली अतीक अहमद की तूती बोलती थी आज उसी जिले में अतीक को एक सुरक्षित सीट नहीं मिल रही है. अतीक अहमद अपने भाई अशरफ को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं, लेकिन इलाहाबाद में ऐसी कोई सीट नहीं बची है. जहां से उन्हें सपा से टिकट मिल सके. बताया जाता है कि अतीक अब प्रतापगढ़ जिले के चक्कर अपने भाई को चुनाव लड़ाने के लिए खोज रहे हैं.
यूपी के बाहुबलियों की लिस्ट में हैं अतीक
यूपी के बाहुबलियों की लिस्ट में अतीक अहमद का नाम भी आता है. अतीक अहमद का नाम तब सुर्खियां आया था, जब 25 जनवरी 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या हो गयी थी. हत्या इतने सनसनीखेज ढंग से की गयी थी कि सारा प्रदेश हिल गया था. राजू पाल की हत्या के आरोप में बाहुबली अतीक अहमद व उनके भाई अशरफ पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है. बाद में मायावती ने इलाहाबाद पश्चिमी की सीट से राजू पाल की विधवा पत्नी पूजा पाल को विधानसभा टिकट दिया था और पूजा पाल ने चुनाव जीत कर अतीक के भाई अशरफ को पटखनी दी थी.
सुरक्षित सीट नहीं मिल रही है अशरफ के लिए
जिसके चलते सत्ता में अपनी पार्टी की सरकार बनते ही बची खुची कसर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी निकाल दी थी. मायावती के शासनकाल में अतीक अहमद के खिलाफ कई मुकदमे पंजीकृत हुए और अवैध निर्माण कराने के आरोप में अतीक अहमद की बहुमंजिला इमारात भी गिरा दी गयी थी. इसी के बाद से अतीक अहमद का इलाहाबाद पश्चिमी सीट से राजनीति क वर्चस्व खत्म होता गया. नौबत यह हो गयी है कि जिस इलाहाबाद में अतीक अहमद की इजाजत के बगैर परिंदा भी पर नहीं मार सकता था आज उस अतीक अहमद के भाई अशरफ के चुनाव लडऩे के लिए सुरक्षित सीट नहीं मिल रही है.
अतीक के परिवार के लिए सुरक्षित नहीं 12 विधानसभा सीट
इलाहाबाद की 12 विधानसभा सीट अब अतीक व उनके परिवार के लिए सुरक्षित नहीं रह गयी है. इलाहाबाद की पश्चिमी सीट पर अतीक का जलवा हुआ करता था. लेकिन यह सीट भी अतीक अहमद व अशरफ के लिए मुफीद नहीं रह गयी है. इसके अतिरिक्त इलाहाबाद की उत्तरी, दक्षिणी,फाफामऊ, सोरांव, फूलपुर, प्रतापपुर, हडिय़ा, झूंसी, कोरांव, बारा, मेजा व करछना सीट ऐसी नहीं है जहां से अतीक अहमद को जीत मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक अतीक अपने भाई के लिए प्रतापगढ़ में भी सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे है. यदि वहां से सही समीकरण वाली सीट मिल जाती है तो अशरफ को चुनाव लड़ाया जायेगा. नहीं तो अशरफ भी अतीक की तरह संसदीय चुनाव लड़ सकते हैं.
सईद अहमद से अतीक को मिली रही कड़ी चुनौती
फूलपुर से सपा के विधायक सईद अहमद ने अतीक अहमद को तगड़ी चुनौती दी है. सईद अहमद को भी बाहुबली विधायक माना जाता है और बाहुबली व राजनीतिक दोनों ही रूप से सईद अहमद ने अतीक अहमद से बढ़त लेनी शुरू कर दी है. ऐसे में अगर यही स्थिति रही तो इलाहाबाद में अतीक अहमद की राजनीतिक जमीन खत्म हो जायेगी और बाहुबली परिवार के किसी अन्य जिले में अपनी राजनीतिक पारी खेल नी पड़ सकती है.