लखनऊ : गैंगरेप कांड और नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी है. जिसके चलते अब उनकी गिरफ्तारी के असर बढ़ गए हैं. बताया जाता है कि जल्दी ही प्रजापति को यूपी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. मालूम हो कि गायत्री ने सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर ये गुहार लगायी थी कि उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगायी जाये. इसी अर्जी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंत्री गायत्री प्रजापति को कोई राहत नहीं दी है. बताया जाता है कि गायत्री अभी भी फरार चल रहे हैं.
अदालत ने गायत्री के मामले में क्या कहा ?
मिली जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमने शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. आप राहत के लिए हाईकोर्ट जाने जैसे दूसरे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करें. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के उसके आदेश को ‘‘ राजनीति क रंग’’ दिया जा रहा है और यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है.
राम नाईक ने लिखी अखिलेश को चिट्ठी
अखिलेश यादव के मंत्री गायत्री प्रजापति फरार चल रहे हैं, बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति को पुलिस ढूंढ रही है, लेकिन वो गायब हो गए हैं. यही वजह है कि चुनाव के मैदान में हर दिन गायत्री की फरारी का मुद्दा गूंज रहा है और निशाने पर अखिलेश यादव और उनकी सरकार है. गायत्री की गिरफ्तारी का मुद्दा हर दिन गरम होता जा रहा है. अब खबर ये है कि यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने भी अखिलेश को चिट्ठी लिखी है और पूछा है कि बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति को मंत्री पद से क्यों नहीं हटाया जा रहा.
पुलिस ने फरार होने से पहले क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया गायत्री को ?
गायत्री खुद तो फरार हैं, लेकिन उनके वकील सामने आए हैं और गायत्री के खिलाफ लगे आरोपों को साजिश बता रहे हैं. वहीं पीड़ित के वकील गायत्री के खिलाफ पुलिस की जांच पर ही सवाल उठा रहे हैं. गायत्री प्रजापति कहां हैं ये अभी किसी को नहीं पता. संभव है कि गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका पर फैसले का इंतजार कर रहे हों. फिलहाल अमेठी में मंत्री गायत्री के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है. सुरक्षाकर्मी भी हटा लिए गए हैं. गैंगरेप के केस में आरोपी प्रजापति के सहयोगी लेख पाल अशोक तिवारी भी फरार चल रहे हैं. फरार चल रहे अशोक तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है. एक बार फिर सवाल वही है कि गायत्री को फरार होने किसने दिया, केस दर्ज होने के बाद भी गायत्री खुलेआम घूमते रहे, चुनाव प्रचार करते रहे, वोट भी डाला, लेकिन तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया ?