नई दिल्ली : यूपी में मुस्लिम वोट बैंक को भागते देख समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव कांग्रेस से गठबंधन कर सकते हैं. दरअसल मुलायम सिंह ने इसीलिए अभी तक 78 सीटों पर चादर ढक रखी है. इन सीटों पर से वह सूबे का चुनावी माहौल देखकर विधानसभा चुनाव के दौरान अपना अंतिम निर्णय लेकर चादर से ढकी सीटों पर का रहस्य उजागर कर सकते हैं.
मुलायम ने क्यों नहीं खोल 78 सीटों का राज ?
सूत्रों के मुताबिक राजनीति के पुराने महारथी मुलायम सिंह यादव अभी तक तो यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर सपा को लड़ने का दावा जरूर कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले से भागता देखकर वह बाद में यह निर्णय ले सकते हैं. बताया जाता है कि इसीलिए सपा सुप्रीमो ने बुधवार को 325 उम्मीदवारों के नामों की ही घोषणा की.जिसके चलते गठबंधन का रास्ता साफ-साफ दिखाई दे रहा है. 78 सीट छोड़कर सपा सुप्रीमो इसका संदेश भी दे चुके हैं. सियासी जानकार इसे मुलायम का एक बड़ा दांव मान रहे हैं. अंदरखाने कांग्रेस के साथ 77 सीट पर पहले ही बात हो चुकी है. इंतजार है तो अब सिर्फ इस बात का कि कब सपा के साथ कांग्रेस के गठबंधन की घोषणा की जाएगी.
टिकट की घमासान पर मुलायम का विराम
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर से सभी कयासों को पीछे छोड़ते हुए विधानसभा चुनाव 2017 के लिए 325 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. कुछ मंत्री-विधायकों के टिकट काटे गए हैं तो कुछ का क्षेत्र बदला गया है. लेकिन इस सब के साथ रोज-रोज के टिकटों को लेकर पार्टी में होने वाले घमासान पर रोक लगा दी है. लेकिन नई लिस्ट के जारी होते ही एक बार फिर से सपा-कांग्रेस के गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं. जानकारों की मानें तो कांग्रेस संग गठबंधन की बातचीत को देखते हुए ही 78 सीट छोड़ी गई हैं.
पांच- छह सीटों पर फंस सकता है पेंच
सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के सारे मसले तय होने के बाद ही सपा कांग्रेस को 77 सीट देने के लिए राजी हुई थी. इसके पीछे उसका तर्क था कि कम से कम हमें 325 सीट चाहिए. क्योंकि ये ज्यादातर वो सीट हैं, जहां पर सपा के विधायक हैं या चुनावों में दूसरे नम्बर पर रहने वाले उम्मीदवार हैं. इसलिए सपा इन सीटों को तो नजरअंदाज कर ही नहीं सकती है. साथ ही अमेठी की अमृता और कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह वाली रुद्रपुर जैसी पांच-छह सीट पर कोई पेंच फंसता है तो उसे आपस में सुलझा लेंगे.
दिल्ली में तीन पहले हुई थी बैठक
कुल मिलकर पांच-छह सीट को लेकर कोई विवाद खड़ा नहीं किया जाएगा. सबसे खास बात ये है कि इस प्रस्ताव पर कांग्रेस ने तीन दिन पहले दिल्ली में मुलायम के साथ बैठक में हामी भी भर दी है. मुलायम की ताजा लिस्ट में छोड़ी गईं 78 सीट को इसी संदर्भ में जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि पहले की तरह से एक बार फिर सूची जारी करते हुए मुलायम ने कह दिया है कि सपा किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. लेकिन कहा जाता है कि राजनीति में किसी भी समय कुछ भी संभव है.