नई दिल्ली : यूपी के हमीरपुर में अगर प्रशासन ने सहूलियत से काम नहीं लिया तो आने वाले दिनों में भारतीय किसान यूनियन का जिलाध्यक्ष निरंजन राजपूत समाजवादी पार्टी की सरकार पर भारी पड़ सकता है. दरअसल निरंजन ने अपने चक्रव्यू का जो घेरा तैयार किया है. उसकी पहरेदारी इतनी सख्त है कि पुलिस क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
पुलिस की लचर व्यवस्था ने बढ़ाये ग्रामीणों के हौसले
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की जनसभा में जमकर हंगामा करने के बाद दर्ज हुए मुकदमे के बावजूद पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई न हो पाई और जब रविवार को गिरफ्तारी करने गई पुलिस टीमों को पीटने के बाद निरंजन, विशेखा और उसके समर्थकों हौसला बढ़ा हुआ है. रात में बवाल के बाद होने वाली पुलिस कार्रवाई का भी कोई खौफ ग्रामीणों पर नहीं दिखा. बताया जा रहा है कि घटना के बाद से नवेली पावर प्लांट से प्रभावित हुए किसानों की और भीड़ वहां पहुंच गई. धरनास्थल पर हथियार भी बढ़े हैं.
अनुमति के बगैर प्रवेश वर्जित
सूत्रों के मुताबिक निरंजन राजपूत मिनी 'रामवृक्ष जैसा बन गया है. कोई उस पर हाथ न डाल पाए इसके लिए आठ गांवों के ग्रामीण सुरक्षा में रात दिन तैनात हैं. ग्रामीणों की इस भीड़ में महिलाएं भी हैं. दावा किया जा रहा है कि लोग उसके लिए जान लेने और जान देने तक पर आमादा है. रात में गांव की सुरक्षा ऐसी कि मथुरा का जवाहर बाग याद आ जाए. उसकी तैयारी की भनक लगने पर हमीरपुर, कानपुर और फतेहपुर की पुलिस आसपास घेराबंदी तो किए है, लेकिन गांव में घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है.रविवार रात से कानपुर के घाटमपुर के लहुरीमऊ गांव का नजारा ही बदला हुआ है. गांव में घुसते ही तीन स्थानों पर तार में कंटीली झाडिय़ां लगाकर रास्ते पर बैरियर लगा दिए गये. पहले बैरियर पर लाठी-डंडा लेकर खड़े ग्रामीण हर आने-जाने वाले से परिचय पूछते हैं. उसके बाद मोबाइल से अंदर सूचना देकर अनुमति के बाद ही प्रवेश की इजाजत देते हैं. इजाजत के बाद चार-पांच लठैत जवान आने वाले शख्स को भाकियू जिलाध्यक्ष निरंजन राजपूत और महिला जिलाध्यक्ष विशेखा राजपूत के पास ले जाते हैं. गांव में स्थित एक तीन मंजिल की धर्मशाला के सबसे नीचे तख्त के बने मंच पर निरंजन राजपूत और विशेखा बैठते हैं. बरामदे में लाठी-डंडे लेकर बैठी सैकड़ों महिलाएं ढोलक की थाप पर भजन-कीर्तन कर रात व्यतीत कर रही हैं.
अलाव जलाकर ग्रामीण कर रहे रखवाली
बाहर धर्मशाला के अंदर मैदान में भंडारा चलता है. वहां कुछ किसान खाना बना रहे हैं, बड़ी सी कढ़ाई में पूडिय़ां और सब्जी बन रही है. वहीं कतार में बैठकर किसान खाना खा रहे हैं. गांव के बाहर भी अलग-अलग समूहों में अलाव जलाकर ग्रामीण रखवाली करते हैं. सभी के हाथ में लाठी और डंडे हैं. धर्मशाला की दूसरी मंजिल पर करीब सौ लोग लाठी-डंडे लेकर तैनात हैं. तीसरी मंजिल पर भी बाउंड्रीवाल के चारो ओर पत्थरों के ढेर लगाये गए हैं. यहां पर छत के चारों कोनों पर एक-एक लठैत बेहतर टार्च के साथ मौजूद है, जो कि समय-समय पर धर्मशाला के पीछे खेतों में टार्च लगाकर आहट लेते रहते हैं.
गैस सिलेंडर और पेट्रोल भी किया जमा
जिस धर्मशाला में निरंजन राजपूत ग्रामीणों के साथ डेरा जमाए है, वहां पांच-पांच किलो वाले कई गैस सिलेंडर और पेट्रोल की केन मौजूद हैं. इसके अलावा असलहे भी हैं. धर्मशाला में मौजूद निरंजन राजपूत ने कहा कि वह शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं. जिला प्रशासन के लोग बात करना चाहते हैं तो वह अकेले आएं. पुलिस फोर्स ने यदि अराजक कार्रवाई की तो हर स्तर तक उसका जवाब दिया जाएगा.
छावनी बना लहुरीमऊ गांव
ग्रामीणों से पिटी पुलिस गांव के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. धरना दे रहे भाकियू नेताओं और ग्रामीणों को पुलिस ने चारों ओर से घेर रखा है. गांव के अंदर हो रही हलचल की खबर पुलिस के उच्चाधिकारी बराबर ले रहे हैं. कानपुर के एएसपी राजेश कुमार, घाटमपुर एसडीएम सुखवीर ङ्क्षसह, तहसीलदार संजीव कुमार सहित विधनू, शिवराजपुर, घाटमपुर थाने के फोर्स ने हाइवे के दुर्गा मंदिर मोड़ पर कैंप बना लिया है. वही से गांव के अंदर की हर पल के घटनाक्रम की जानकारी ले रहे हैं. फतेहपुर जिले के चांदपुर थाने का फोर्स भी गांव के पास लगा दिया गया. हमीरपुर यमुनापुल के पास हमीरपुर कोतवाली, कुरारा थाना व सुमेरपुर थाने का फोर्स लगा दिया गया.