नई दिल्लीः उड़ी हमले के बाद भारत की चुप्पी से केंद्र सरकार के खिलाफ जाते माहौल को मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर स्ट्रोक से चंद घंटे में पलट दिया। अब यूपी में राष्ट्रवाद की आंधी चल पड़ी है। सोशल साइट्स पर इस आंधी की थाह ली जा सकती है। इसी के साथ यूपी में पार्टी से टिकट दावेदारों में भारी इजाफा हो गया है। वो भी पांच गुने ज्यादा लोग टिकट के लिए चक्कर काट रहे हैं। पार्टी सूत्र बता रहे है कि सपा, बसपा और कांग्रेस के कई असंतुष्ट भी भाजपा से टिकट पाने के लिेए लालायित हैं। पूछने पर दावेदार कह रहे हैं कि जिस तरह से 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर कईयों का बेड़ा पार हो गया, अबकि बार पैदा हुई राष्ट्रवाद की आंधी से विधायक बनना आसान है। पार्टी की ओर से अक्टूबर के बाद ही टिकट घोषित होने के संकेत मिल रहे हैं। क्योंकि इस बीच परिवर्तन यात्रा ओं के जरिए पार्टी जनजागरण करने जा रही। पार्टी का मानना है कि टिकट घोषित होने पर बाद में कुछ लोगों की नाराजगी हो सकती है। जिससे परिवर्तन यात्राओं के संचालन में दिक्कत होगी। लिहाजा पहले यात्राओं के जरिए जनता के बीच दमदार मौजूदगी दर्ज कराकर ही टिकट घोषित किया जाएगा।
दिल्ली से लेकर लखनऊ दफ्तर पर भीड़
चाहे लखनऊ में भाजपा का राज्य मुख्यालय हो या फिर दिल्ली में अशोका रोड स्थित राष्ट्रीय कार्यालय। हर जगह यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक लोगों की हर रोज भीड़ जुट रही है। बड़े नेताओं से दुआ-सलाम कर अपने पक्ष में मोदी और अमित शाह तक बात पहुंचाने के लिए टिकट दावेदार मिन्नतें करते देखे जा रहे।
संघ के प्रचारकों के यहां टेक रहे मत्था
अचानक से संघ के जिला,प्रांत प्रचारकों के कार्यालय भी गुलजार हो उठे हैं। अब तक यहां सिर्फ संघ के खांटी कार्यकर्ता ही दिखते थे मगर अब इन कार्यालयों पर नेताओं का विचरण शुरू हो गया है। जिला और प्रांत प्रचारकों से देश-काल के बारे में चर्चा के बहाने पहुंचकर नजदीकियां हासिल की जा रही हैं। भाजपा से टिकट के दावेदारों को यह अच्छे से पता है कि टिकट तय होते समय जिला प्रचारक, प्रांत प्रचारक से भी पार्टी फीडबैक लेती है। लिहाजा अगर संघ पदाधिकारियों की कृपा हासिल नहीं हुई तो काम नहीं बनने वाला। जो कुछ हैसियत वाले दावेदार हैं तो वे नागपुर तक दौड़ लगा रहे।
एक सीट पर 15 से 20 दावेदार
यूपी के पूर्वांचल में भाजपा के पक्ष में कुछ लहर ज्यादा दिख रही। लखनऊ से आगे बढ़ने पर सुल्तानपुर, जौनपुर से लेकर बनारस, गोरखपुर आदि जिलों की लगभग हर विधानसभा सीट पर 15 से 20 उम्मीदवार टिकट के लिए पार्टी के बड़े नेताओं की परिक्रमा कर रहे हैं। पार्टी के बड़े नेताओं का कहना है कि इस बार दावेदार कुछ ज्यादा हैं। हालांकि जितने दावेदार हैं, उसमें से केवल 50 प्रतिशत ही गंभीर प्रत्याशी नजर आते हैं। बाकी सब लहर देखकर पार्टी से लड़ना चाहते हैं। ऐसे लोगों को मौका नहीं मिलने वाला है।
क्या कहते हैं भाजपा प्रवक्ता
यूपी में भाजपा प्रवक्ता आईपी सिंह और मनीष शुक्ला कहते हैं कि भाजपा का ध्यान फिलहाल परिवर्तन यात्रा पर है। अभी शीर्षस्तर से यात्राओं का प्रोग्राम जारी होना है। दो से तीन महीने तक यात्राएं चलेंगी। चुनाव आयोग का रुख देखते हुए इस दौरान टिकट घोषित करने की तैयारी होगी। मगर पहले पार्टी का लक्ष्य पूरे सूबे में संगठन के मंडल स्तर पर सफलतापूर्वक परिवर्तन यात्राओं का संचालन करना है। ताकि जनता में जनजागरण किया जा सके।