छत्तीसगढ़ में काजू....है न आश्चर्य की बात!यह आश्चर्य और खुशी की बात है कि दक्षिण के राज्यों का एकाधिकार बने काजू का उत्पादन अब छत्तीसगढ़ में भी होने लगा है और सबसे खुशी की बात तो यह है कि इसका उत्पादन लक्ष्य से तीन गुना ज्यादा हुआ है. हमें इस बात पर गर्व करना चाहिये कि विश्व में सबसे ज्यादा पसंद करन
न छेड़ प्रकृति को।गर्मी से झल्लाउ, ठंडी से घबराऊँ।डर वर्षा की बूँदों से छिप जाऊ।गिरते पतझड़ के पत्तो से शरमाऊं। बहे बयार तूफानी गति से आँखे भी अंधी हो जाए। जितना प्यार करु प्रकृति से, उतना ही थर्राऊ।कर प्रकृति का विनाश, महामारी को फैलाया।जब-जब आई महामारी से, हर मानव हरि-हरि चिल्लाया।न छेड़ प्रकृति को व
लॉकडाउन-4 समाप्त! लॉकडाउन-5 प्रारंभ नहीं। बल्कि इसकी जगह देश अनलॉक-1 (नॉकडाउन-1) के नये दौर में देश प्रवेश कर रहा हैं। यह नया दौर कैसा होगा, यह तो भविष्य ही बतलायेगा। आइये, तब तक नौकरशाही द्वारा जारी अपरिपक्व आधे-अधूरे आदेशों निर्देशों के संबंध में गुजरे लॉकडाउन का थोड़ा अवलोकन कर लें। ‘देश’ व ‘जीवन
बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व दशहरा (मन्दोदरी कथा ) डॉ शोभा भारद्वाज महारानी मन्दोदरी की कथा वहीं से शुरू होती है जब रावण हाथ में फरसा कमर में मृग चर्म लपेटे ऋषि एवं शूरवीर के वेश में राक्षस संस्कृति का प्रचार करते हुए कुछ उत्साही युवको
Twoमई बचपन से से बहुत अच्छी लड़की हु क्यूको मैंने हमेस ही सबका अच्छा क है लाइफ मई म खेलना कूद बहुत पसंद टी क्युकी मैंने ा ज़िंदगी के पल पल वक्त बहुत अच्छी से बीतये मई उस व वक्त करीब 5 थी जब मैंन
मुखड़े व अंतरे का मात्रा भार २२ तुकांत, आना"गीत"है बड़ी जालसाजी न सच का ठिकाना।हो सके तो सनम तुम कचहरी न जाना।।बात इतनी सुनो यारा दिल न दुखाना जा रहे तो जाओ पर घहरी न आना।। ....हो सके तो सनम तुम कचहरी न जानापाँव घिस जाएगा हुस्न पिट जाएगामान घट जाएगा ध्यान बट जाएगाबाँसुरी से