"इन आंखों को तलाश तेरी " 😏😏😏
अब आगे....
फार्म हाऊस को डेकोरेट करते -करते यश, नजरे चुरा कर राधा को देखते हुए मुस्कुरा रहा है, और डेकोरेशन लगभग पूरी होने ही वाली है थोड़ी देर में।
प्रेमा और सुलेख ज्वैलरी शॉप पहुंच गए। प्रेमा कार से उतर कर साइड में खड़ी हो जाती हैं। सुलेख, कार को पार्किंग साइड रखकर लॉक करके चाबी लेकर, प्रेमा के पास आता है।
प्रेमा- वाउ! बहुत सुंदर लग रहा हैं ये ज्वैलरी शॉप, लगता है न्यू ज्वैलरी शॉप हैं ये।
सुलेख- हां, ये न्यू ज्वैलरी शॉप हैं और एंगेजमेंट रिंग बनाने का ऑर्डर मैंने इसी शॉप के मैनेजर को दिया है।
दोनों शॉप के अंदर जाते हैं, शॉप बहुत अच्छा है। हर जगह शीशे लगे हुए है, आकर्षक दिख रहा हैं।
प्रेमा और सुलेख बहुत खुश नजर आ रहे है।
सुलेख (एक हाइटेड युवक की ओर इशारा करते हुए) - प्रेमा, वो रहा मैनेजर, चलो वहीं पर।
दोनों उस शॉप मैनेजर के पास जाते है।
मैनेजर (मुस्कुराते हुए)- आइए मिस्टर एंड मिसेज रॉय! यहां बैठिए (एक चेयर कि ओर इशारा करता है) हमें पता है आप एंगेजमेंट रिंग ले जाने आए हैं। रिंग रेडी है, मै अभी लेकर अा रहा हूं।
सुलेख और प्रेमा, चेयर में बैठकर, शॉप को देख रहे है।
मैनेजर रिंग लेने जाता हैं।
सुलेख- बोलो, कुछ ज्वेलरी लेना चाहती हो क्या?
प्रेमा- नहीं, मेरे पास तो बहुत सारी ज्वैलरी है और यश ने बहुत अच्छा नेकलेस दिया था, हमारी मैरिज एनिवर्सरी के दिन। मुझे तो बहुत सारा नेकलेस गिफ्ट में ही मिल गया है और लेने की जरूरत ही नहीं है।
सुलेख मुस्कुराते हुए प्रेमा को देख रहा है।
शॉप मैनेजर अा जाता हैं अपने हाथ में एक रेड कलर का, अभ्रक लगा हुआ एक छोटा सा बॉक्स लेकर।
शॉप मैनेजर- ये देखिए डायमंड रिंग (उस बॉक्स को खोलकर दिखाता है और सुलेख को दे देता हैं वो रिंग वाला बॉक्स) देख लीजिए, बहुत मेहनत से आपके बेटे मिस्टर रूपेश रॉय का एंगेजमेंट रिंग तैयार किया है हमने।
प्रेमा ( उस बॉक्स से रिंग निकालकर देखती हैं)- सच, ए ब्यूटीफुल एंगेजमेंट रिंग! ये तो लवली और रूपेश के फेवरेट कलर को मिक्स करके रेडी किया हुआ हैं।
प्रेमा और सुलेख के चेहरे में मुस्कुराहट हैं और दोनों रिंग को देख रहे है।
( हल्का अभ्रक लगा हुआ रेड और पिंक कलर का डायमंड रिंग, हार्ट शेप का, इतना अच्छा दिख रहा हैं कि इसकी तारीफ करना भी मुश्किल है।)
सुलेख-( मैनेजर से)- सच में, आपने बहुत अच्छे से रिंग को बनाया है ये रहा आपकी मेहनत का ईनाम,(सुलेख, मैनेजर को सूटकेस देता हैं जिसमें पैसे है।) इस रिंग को इतनी जल्दी, बेहतरीन तरीके से बनाने के लिए आप का अमाउंट लीजिए।
मैनेजर खुश हों जाता हैं।
प्रेमा और सुलेख मुस्कुराते हुए रिंग को लेकर पार्किंग साइड आकार कार को अनलॉक करते है प्रेमा रिंग वाले बॉक्स को अपने बैग में रख लेती हैं।
प्रेमा कार में बैठ जाती है और सुलेख कार ड्राइविंग शुरू करता है।
प्रेमा- अब सीधे घर चलते हैं बहुत सारा काम बाकी है।
सुलेख मुस्कुराते हुए-; काम तो जिंदगी पूरी होने के बाद भी बाकी रहता हैं लेकिन एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करने का मौका कभी -कभी ही मिलता है। इसलिए हम आज एक होटल जाकर, एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करेंगे। फिर बाकी काम घर चलकर करते रहेंगे।
प्रेमा और सुलेख हंसते हैं होटल की ओर जा रहे हैं।
फार्म हाऊस में……
यश-डेकोरेशन कंप्लीट हो गया और मुझे भूख लग रहा हैं।
चलो होटल लंच कर लेते है फिर घर ड्राप कर दूंगा तुम्हे।
राधा- ओके सर, चलिए। भूख तो मुझे भी लग रही है।
दोनों फार्म हाऊस के बाहर आते है। यश दरवाजे को लॉक करके चाबी रख लेता है। कार को अनलॉक करके,ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता हैं और राधा पीछे की सीट पर बैठ जाती है।
यश- ओह मिस इंडियन! तुम्हे याद है ना कि कल एंगेजमेट पार्टी में क्या करना है?
राधा- पता है आप की gf होने का ड्रामा करना है।
यश- तो क्यों पीछे बैठ रही हो? प्रैक्टिस कर लो थोड़ा, कही रिया को पता चल गया कि हम लवर होने का ड्रामा कर रहे है तो वो और पीछे पड़ जायेगी।
राधा- मुझे प्रैक्टिस करने की कोई जरूरत नहीं है, मै अच्छे से कर लूंगी।
यश- ओह! इतना ओवर कॉन्फिडेंस है तुम्हे? आगे बैठो कोई सवाल पूछे बिना, ये तुम्हारे बॉस मिस्टर यश रॉय का ऑर्डर हैं। और अगर कल तुमने मेरी गर्ल फ्रेंड होने का नाटक ठीक से नहीं किया तो, तुम्हारी 5 महीने की सैलरी तुम्हे नहीं मिल पाएगी।
राधा गुस्से से , आगे आकर बैठ जाती हैं और यश मन ही मन मुस्कुरा रहा है।
यश कार ड्राइव स्टार्ट करते हुए मन में ( ओह, ये गुस्सा! बहुत खूबसूरत लग रही हो।)
राधा मन में कहती है ( मुझे लग रहा था ये हिटलर बदल गया है। थोड़ी देर पहले तो अच्छे से बिहेव कर रहा था और अब……पता नहीं कौन सा भूत घुस गया है इसके अन्दर? "मिस्टर यश रॉय," ओहो! ऐसे अपना नाम बोलता है जैसे ये पूरी दुनिया का राजा हो। इस छछूंदर के लिए वो रिया ही अच्छी है। कहां फंस गई मै, नाटक तो करना ही पड़ेगा नहीं तो मेरी सैलरी……)
विशु और रूपेश एक दूसरे का हाथ पकड़ कर बैठे हुए हैं।
रूपेश- तुम यहीं पर रहो, मै बिल पे करके आता हूं।
रूपेश बिल पे करके थोड़ी देर में आता है।
रूपेश मुस्कुराते हुए विशु का हाथ पकड़ लिया। विशु शरमा रही हैं। दोनों होटल के बाहर, कार के पास जाते है।
विशु-; बहुत लेट हो गया है, मै अब घर जाती हूं…।
रूपेश- नहीं, इतनी जल्दी नहीं जाने दूंगा तुम्हे?
कार में बैठो प्लीज़।
विशु- बहुत देर हो जायेगी! कही राधा दी घर पहुंच गई और मुझे नहीं देखी तो पता नहीं क्या होगा? मॉम भी मुझसे नाराज़ हो जायेगी अगर उन्हें पता चला कि मै तुम्हारे साथ यहां हू।
रूपेश- ऐसा कुछ नही होगा, मै हूं ना, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
विशु, रूपेश कि बात मानकर कार में बैठ जाती हैं और रूपेश कार ड्राइविंग शुरू करता है।
अब आगे ट्विस्ट आने वाला है।
आगे की कहानी अगले पार्ट में……