4) " इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
अब आगे-
जब शीतला का देहांत हुआ तब राधा और बंशीधर बिल्कुल टूट गए थे लेकिन उनको अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना था क्योंकि राधा को उसकी मां पुलिस ऑफिसर बनाना चाहती थी इसीलिए बंशीधर को लीला के साथ शादी करनी पड़ी। राधा का ख्याल रखने वाला घर में कोई नहीं था और उसके डैड किसी कंपनी में नौकरी करते थे इसलिए मज़बूरी में उनको ना चाहते हुए भी अपनी स्कूल की पुरानी फ्रेंड लीला से शादी कर अपनी जिंदगी कि फिर से शुरुआत करनी पड़ी।
शायद लीला, बहुत पहले से बंशीधर से प्यार करती थी लेकिन शीतला ही बंशीधर का प्यार थी जिसे अब उसने खो दिया है।
लेकिन लीला, मां कि तरह राधा से प्यार नहीं करती थी , जब राधा और लीला घर में अकेली होती थी तब राधा से घर के सारे काम लीला उससे कराया करती थी। राधा ने अपने पापा से कभी भी शिकायत नहीं किया क्योंकि वो अपने कारण अपने पापा को परेशान होते नहीं देख सकती थी।
उसे उम्मीद थी कि कभी न कभी लीला भी उसको उसकी मां के नज़रिए से देखेगी और उसे एक मां का प्यार देगी।
1 साल बाद लीला ने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम उसने विशाखा रखा। विशाखा जब बड़ी हुई तो वो राधा की बेस्ट फ्रेंड बन गई क्योंकि वो अपनी मां लीला के जैसी बिल्कुल भी नही थी। विशाखा कि बड़ी बहन होने के नाते राधा उसकी हर ख्वाहिश पूरी करती थी, उसे जो भी पसन्द होता था उसे दिला देती थी ।
शायद विशाखा के प्रति राधा के निस्वार्थ प्यार को देखकर लीला को भी उससे थोड़ा लगाव होने लगा था लेकिन लीला थी तो सौतेली मां, लेकिन राधा सभी से प्यार करती है और लीला को कभी भी जवाब नहीं देती उसकी हर बाते मनती है क्योंकि उसने अपनी मां को खोया है। उसे पता है मां कि कीमत क्या होती हैं।
एक मां को खोने का दर्द एक बेटी ही समझ सकती हैं । वो भी अपने बचपन में अपनी मां को खोकर भी ,"अपने आंखों के आंसू छुपाकर जीना बहुत मुश्किल होता है"। अब तो विशाखा के आने के बाद , राधा उसके साथ रहकर अपने मन को संभाले हुए हैं नहीं तो लीला की तीखी बाते उसके दिल को चुभकर हर रोज़ उसे कमजोर करने के लिए काफी होती थी।
फिर..…
लीला ने अपनी बेटी विशाखा को अपने मायके के एक अच्छे से हॉस्टल में रीडिंग करने के लिए भेज दिया है ताकि उसे राधा से ज्यादा लगाव ना हो। राधा को पता है कि लीला उसे अपने बेटी के साथ देखकर गुस्सा हो जाती हैं क्योंकि लीला, राधा को अपनी सौतन का बोझ समझती है, लीला कुछ दिनों से मायके गई है अपनी मां के साथ रहकर उनकी देख रेख करने क्योंकि उनकी मां कि तबियत बिगड़ी हुईं है।
राधा के घर में………
राधा- "पापा आप यहां क्या खोज रहे है? कोई चीज गुम गई है क्या? "
बंशीधर- "ओह मेरी प्यारी परी, मै खोज लूंगा यू परेशान होने कि जरूरत नहीं है। तेरी मां ने मुझे मेरे बर्थडे पर एक ब्लू कलर का थ्री स्टार्स वाला एक वॉच दिया था जो मिल नहीं रहा है मुझे पता नहीं कहां गुम गया।5 महीने से खोज रहा हूं शायद कहीं और गुम गया है तभी तो पूरे घर को खोजने के बाद भी नहीं मिल रहा है।
राधा- "तो क्या हुआ डैड, आज मै शॉपिंग करने जा रही हूं वही पर वॉच सेंटर जाकर आपकी मन पसन्द वॉच मै ले आऊंगी।"
बंशीधर- "ठीक है जो तेरी मर्जी, और अपने लिए भी कुछ अच्छा -सा ले आना?"
राधा-" ठीक है डैड बाय मै जा रही हूं ,और आप अपनी दवाइयां याद से ले लेना और अपने रूम में आराम करना। डॉक्टर ने कहा है कि ज्यादा काम नहीं करना है आपको।"
बंशीधर मुस्कुराते हुए–" ठीक है बेटा तेरी सभी हिदायते मानूंगा चिंता मत कर जा ।"
राधा अपने डैड के पैर छूकर घर के बाहर ऑटों का इंतजार कर रही थी तभी कुछ देर बाद कोई उसके पास कोई लड़का बाइक लेकर आता है ।
"हेल्लो!राधा, हाउ आर यू? गुड मॉर्निंग।"
राधा देखती हैं- "आई एम फाइन एंड गुड मॉर्निंग। लेकिन तुम यहां क्या कर रहे हो हरकेश?"
हरकेश्वर- "आज भी तुम मुझे हरकेश ही बोलती हो, मतलब तुमने अपने इस दोस्त को नही भुलाया है?"
राधा- "जो अपने दोस्त को भुला दे, वो तो दोस्ती के लायक ही नहीं होता है और दोस्त को कैसे भूल सकती हूं मैं, बहुत हेल्प करते थे मेरी तुम, आज कल क्या करते हो?"
हरकेश- "जॉब कर रहा हूं एक फेमस कंपनी में, लेकिन तुम तो बहुत दिनों के बाद आज दिखी हो मुझे पता नहीं कहां गुम गई थी तुम?"
राधा- "मै पुलिस ऑफिसर बनना चाहती हूं अब जल्दी ही ट्रेनिंग करने जाऊंगी। मै वॉच सेंटर जा रही हूं अपने पापा के लिए वॉच लेने लेकिन कोई ऑटो नहीं मिल पा रही है शायद लेट हो जाऊंगी?"
हरकेश्वर-मन में सोचता है ___ "ओ राधा, बहुत भोली हो तुम। मन कर रहा है हमेशा के लिए अपने पास रख लूं तुम्हे ।"
राधा-" कहां खो गए? ओके बाय मै पैदल ही चली जाऊंगी। तुमसे मिलकर अच्छा लगा,आज शाम को मेरे घर आना डिनर पर।"
हरकेश- "तुम बुलाओ और मै ना आऊ ये नहीं हो सकता, जरूर आऊंगा। चलो तुम्हे वॉच सेंटर पहुंचा दूंगा और मुझे भी कुछ लेना हैं।"
राधा- "ओके ठीक है चलो।"
दोनों एक साथ बाइक में बैठकर वॉच सेंटर के तरफ चल पड़े।
वॉच सेंटर में।
वॉच सेलर- मैम ये देखिए रेड कलर की ब्यूटी फूल वॉच, ये आपकी ड्रेस से मैच कर रही है। या इसे देखिए आपको जरूर पसंद आएगी ये वॉच मिसेज रिया ।
( ये वही रिया है जो यश को प्यार करती है और अब इसकी मुलाकात राधा से होने वाली है जिसके बाद से रिया,राधा की दुश्मन बन जाएगी।)
रिया- वेरी नाइस वॉच येलो कलर एंड पिंक सर्कल्स।
तभी राधा और हरकेश्वर आते है।
राधा- थैंक्स हरकेश, ये वॉच सेंटर बहुत अच्छा लग रहा है मुझे, यहां जरूर पापा की पसन्द कि वॉच मुझे मिल जाएगी।
और तुम क्या लेना चाहते हो?
हरकेश (मन में) -क्या लू मै, तुम्हारे आगे तो सब फिका हैं।
राधा- क्या हुआ कहां खो गए?
हरकेश- कुछ नहीं तुम वॉच सेलेक्ट कर लो अपनी पसंद का मै वहां से अा रहा हूं कुछ काम है।
हरकेश थोड़ी दूर जाकर राधा को देखते हुए कुछ लेने का नाटक कर रहा था ।
वॉच सेलर- हेल्लो मैम आपको क्या लेना हैं बताइए?
राधा- भैया मुझे ब्लू कलर की थ्री स्टार्स वाली वॉच लेना हैं।
वॉच सेलर एक पैक किया हुआ वॉच खोलकर कहता है-
मैम ये वन पीस बची है शायद आप इसे ही लेने आई हो, अपने हाथो में लेकर सेलर उसे राधा को दिखाने लगता है जिसे देखकर राधा खुश हो जाती हैं और मुस्कुराते हुए कहती हैं-
राधा- थैंक्स भैया ये वॉच चाहिए मुझे, मेरे पापा की फेवरेट है ये।
तभी रिया आती हैं और वॉच सेलर के हाथो से वो वॉच लेकर देखने लगती है और-
रिया- वाऊ , कितना अच्छा है ये। इसे मैं ले रहीं हूं। (मन में, इसे मै अपने प्यारे यश को दूंगी वो मुझसे इंप्रेस हो जाएगा, ये इतना अच्छा और सुन्दर जो है।)
राधा- एक्सक्यूज़ मी, इसे आपसे पहले मैंने सेलेक्ट किया है। इसे मै ही लेना चाहती हूं प्लीज़ आप कोई और वॉच………
रिया- जस्ट इन्फ! तुमने पहले सेलेक्ट कर लिया है तो क्या हुआ कोई और वॉच देख लो," वैसे भी एक बार किसी के देखने से वो चीज उसकी नहीं हो जाती।"
"क्या राधा वो वॉच ले पाएगी?"
आगे की कहानी अगले पार्ट में……