"इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
अब आगे........
सीमा रोते हुए वहां से चली जाती है जिसे देखकर राधा सोचते हुए खुद से कहने लगीं धीमी आवाज़ में -ना जाने इस हिटलर ने कितनी लड़कियों को फंसाया होगा और उनको छोड़ दिया होगा जैसे कोई बच्चा खिलौने को खेलकर छोड़ देता हैं।
पीछे से उसकी बाते यश ने सुन लिया। और राधा के सामने खड़ा होकर- कौन हिटलर? किसने ,किसे फंसाया है ?
राधा एकदम घबरा गई, कही इसने मेरी बाते सुन ली क्या?
यश- क्या सोच रही हो? हिटलर किसे बोल रही थी?
राधा बहाना बनाते हुए कहती हैं- ओ सर, मै कल एक मूवी देख रही थी नाईट में। उसमें एक हिटलर नाम का विलेन था जिसने बहुत सारी लड़कियों को अपने झूठे प्यार के जाल में फंसाकर, किडनैप कर रखा था। तभी एक हैंडसम हीरो जो एक पुलिस ऑफिसर था उस विलेन की जमकर खातिरदारी करता है और किडनैप कि हुई लड़कियों को आजाद करा देता हैं फिर लाइट चली गई और मूवी पूरा नहीं देख पाई।
यश - (हंसते हुए) तुम भी ना क्या- क्या देखती रहती हो।
मन में राधा- हाय, इस हिटलर से जान बची मेरी। पता नहीं कैसे इसने मेरी बाते सुन ली। हिटलर के साथ- साथ ये मिस्टर इंडिया भी है आज पता चला मुझे।
यश- क्या सोच रही हो? पता है मुझे यही सोच रही होगी कितना हैंडसम है मेरा बॉस। सच में मेरे जितना कोई हैंडसम लड़का कोई नहीं मिलेगा तुम्हे। यश ,राधा के करीब अा जाता हैं जिसे देखकर राधा को असहज लगता है।
राधा- दूर रहिए मुझसे, आप मेरे बॉस है इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी ख़राब हरकते मै नजरअंदाज कर दूंगी। लिव मी।
यश कुछ सोचते हुए- ओके डरने की कोई जरूरत नहीं है मै तो तुम्हारे पीछे दीवाल पर जो पेंटिंग बनी है उसे देख रहा था। और तुम ना जाने क्या- क्या सोच रही हो? चलो शॉपिंग पूरा हो गया है अब 3 बजे मीटिंग पर जाना है, उसकी तैयारी करेंगे ऑफिस जाकर। लवली, रूपेश और तुम्हारी सिस्टर को ढूंढते हैं, कही दिख नहीं रहे हैं।
राधा (मन में कहती हैं:–पता है आप जैसे लोग गर्ल्स को खिलौना समझते है और बहाना बनाकर उनके करीब आने मौका तलाशते हैं।)- ओके सर चलिए।
दोनों रूपेश, विशु और लवली को खोज रहे थे।
रूपेश मिलने के लिए बोल रहा था विशु को लेकिन विशु कुछ बोल नहीं पा रही थी, उसकी धड़कन तेज हो गई थी कही लवली उसे गलत मत समझ ले? और कही लवली ने यश को बता दिया कि मै कल रूपेश से मिलने गई थी तो दी की जॉब कही उनके हाथ से चली गई तो? इन अमीर लड़को की बाते मनना और इनसे बाते करना बहुत मुश्किल काम होता है पता नहीं कब इनके जाल में फंस जाऊ। नही जाऊंगी मिलने, मॉम और राधा दी ही मेरी फैमिली है और किसी कि जरूरत नहीं है मुझे।
रूपेश- क्या सोच रही हो? ख़ामोश मत रहो कुछ बोलो ना?
विशु- सॉरी नहीं मिलने अा सकती हूं मैं आपसे,क्योंकि मुझे घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। मॉम और राधा दी ही मेरी फैमिली है बस और कुछ नहीं।
रूपेश से रहा नहीं जा रहा था वो क्या करे समझ में नहीं आ रहा है उसे।
लवली उस लड़के को किसी तरह समझाकर वहां से चली जाती हैं और वो लड़का अपने बाइक से चला जाता हैं अब लवली को रिलैक्स महसूस हुआ।
लवली यश को खोजने लगी। फिर लवली ने देखा यश और राधा शॉपिंग कर लिए हैं और उसी की तरफ अा रहे है।
यश- लवली चलो तुम्हारी शॉपिंग हो गई ना?
लवली बहाना बनाते हुए- मुझे जो लेना था वो तो यहां मिला ही नहीं। फालतू टाइम वेस्ट हुआ अब चलो घर,मुझे आराम करना है ।
यश- ठीक है तुम रूपेश और विशाखा को ढूंढ लो।विशाखा को घर ड्राप करके तुम और रूपेश अपने घर चले जाना। मै और राधा ऑफिस जा रहे है, मीटिंग की तैयारी करनी है और ये डेकोरेशन के लिए जो लिए है अपने कार कि डिक्की में रख लेना । बाकी कि बाते घर पर होगी बाय।
अब लवली रूपेश और विशाखा को ढूंढ रही हैं।
यश और राधा शॉपिंग मॉल से बाहर आते हैं और पार्किंग साइड जाकर यश कार को अनलॉक करके कार निकालता है और राधा पीछे साइड बैठ जाती हैं तो यश बोलता है आगे बैठो, कोई सवाल पूछे बिना। राधा आगे में बैठ जाती हैं और यश मुस्कुराते हुए कार ड्राइव करने लग जाता हैं ।
राधा मन में सोच रही है कि -कैसा मेंटल है ये जब देखो चिपके रहना चाहता है लड़कियों से।
यश- क्या सोच रही हो? तुम्हारी किस्मत बहुत अच्छी है जो मेरे जैसा हैंडसम बॉस मिला तुम्हे।
राधा कुछ नहीं बोलती हैं। यश कार ड्राइव कर रहा है।
लवली थोड़ी परेशान दिख रही थी और ढूंढ रही है रूपेश को।
विशु भी मन ही मन राधा को ढूंढ रही है वो रूपेश को बाय बोलकर वहां से जाने लगती हैं तभी रूपेश उसका हाथ पकड़ लेता है और घुटने के बल बैठ कर- "आई लव यू" प्लीज़ समझो ना मेरी फिलिंग को? मै अपना पहला प्यार यानि की तुम्हे खोना नहीं चाहता हूं।
विशु- कुछ समझ नहीं पाती हैं और कहती हैं- ये आप क्या कर रहे है? लवली ने या आपके भाई ने हमें ऐसे देख लिया तो……
रूपेश- तो क्या उनके लिए मै अपनी जिंदगी बरबाद कर दू? डैड जबरदस्ती शादी करवा रहे हैं मेरी उस चिपकू लवली से जिसे मै देखना तक पसन्द नहीं करता हूं।
विशु- पता नहीं आपको क्या हो गया है? लेकिन मुझे आपसे कोई बात नही करनी है छोड़िए मेरा हाथ! मुझे मेरी राधा दी के पास जाना है। आप पता नहीं क्या चाहते हो मेरी समझ में नहीं आ रहा है लेकिन मै आपकी कोई हेल्प नहीं कर सकती हूं।
लवली वहीं पर अा रही थी जहां पर रूपेश अपने प्यार का इजहार विशु से कर रहा था।
रूपेश- क्यू नही समझ रही हो मेरे इमोशन को? तुम्हारे लिए जो मेरे दिल में फीलिंग्स है वो लवली के लिए नहीं है और मै एंगेजमेंट नहीं करूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए। डैड को मै समझाकर देखूंगा अगर नहीं मानेंगे तो, मै कुछ ऐसा करूंगा जिसके बारे में कोई सोच भी नही सकता है।
यश और राधा ऑफिस पहुंच गए और कार को पार्किंग साइड रखकर यश लॉक करके कार कि चाबी अपने जेब में रख लेता है और मुस्कुराते हुए अपने केबिन में जा रहा हैं । लगभग 12 बज गया है , उसे केबिन के तरफ़ जाते हुए देख सभी इंप्लॉई गुड मॉर्निंग सर बोलते है। यश भी सभी को गुड मॉर्निंग बोलता है। राधा भी सबको गुड मॉर्निंग बोलती हुईं यश के पीछे चल रही हैं और मन में कहती है- ओह, ऐसे चल रहा है जैसे ये ऑफिस नहीं राजसभा है जिसमें ये हिटलर अपने आप को राजा समझ रहा है, बंदर कही का, परमाणु बम गिराकर इसके राजसभा को मै यू चुटकियों में……
यश- चलो जल्दी आओ ,इतने पीछे चल रही हो, बिल्ली भी तुमसे जीत जाएगी।
राधा मन में कहती है -जंगली गीदड़ कही का अपने आप को ना जाने क्या समझता है? जल्दी ही तो चल रही हूं और क्या मेरे पंख लगे हैं जो उड़ कर पहुंच जाउंगी, हिटलर।
रूपेश अभी भी विशु को देख रहा है और विशु भी उलझन में खड़ी है "आखिर ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ?"
तभी लवली वहीं पर आ जाती हैं।
लवली- ऐसे बैठकर तुम क्या कर रहे हो" स्वीट हार्ट?"
रूपेश उसे इग्नोर कर देता हैं और उसे इंतजार है उस पल का जब विशु भी उसे आई लव यू बोल दे और उससे शादी कर ले।
विशु वहां से जाने ही वाली थी कि लवली ने उसे कहा कि- तुम्हारी दी यश के साथ ऑफिस गई हैं और रूपेश कि कार में तुम्हे, तुम्हारे घर ड्राप कर के हम अपने घर चले जाएंगे।
फिर रूपेश उठकर सीधे पार्किंग साइड आता है किसी से कुछ भी नहीं बोलता सीधे कार को अनलॉक करके बैठ जाता हैं।
लवली , रूपेश को देखकर कहती हैं - पता नहीं इसे क्या हो गया है?
विशु पीछे और लवली आगे रूपेश के पास बैठ जाती हैं और रूपेश कार ड्राइव करने लगता है।
क्रमशः